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फरीदाबाद,30 जुलाई। सरकार व स्वास्थ्य विभाग की वादाखिलाफी के खिलाफ प्रदेश की आशा वर्कर 2 अगस्त को हड़ताल करेंगी। इसकी तैयारियों को लेकर गेट मीटिंग की जा रही है। इसी सिलसिले में मंगलवार को प्राइमरी हेल्थ सेंटर एफआरयू -2 आशा वर्कर की मीटिंग आयोजित की गई। इसको संबोधित करते हुए आशा वर्कर यूनियन की जिला सचिव सुधा व उप प्रधान सुशीला ने कहा कि आशा वर्कर सरकार से बार-बार अपनी मांगों का मांग पत्र दे चुकी हैं । सरकार हमारी मांगों का समाधान पिछले 73 दिन की हड़ताल के बाद भी नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि हम बार-बार प्रदर्शन करके सरकार को जागना चाहते हैं की आशा वर्कर्स की जो पिछले हड़ताल के दौरान पैसे बचे हुए हैं वह तुरंत सभी आशा वर्कर्स को दिए जाएं। आशा वर्कर्स दिन रात मेहनत के साथ अपना काम सुचारू रूप से कर रहे हैं । परंतु आए दिन आशा वर्कर के ऊपर नए काम सौंप दिए जाते हैं, जो बिना पैसे की आशा वर्कर्स को करने पड़ते हैं। कभी ऑनलाइन सर्विस का दबाव, आभा आईडी बनाने का दबाव बीसीजी के टीके लगवाने उसकी सर्वे करना, आयुष्मान भारत के कार्ड बनवाना और उसकी सर्वे करना के कितने कार्ड बने हैं और कितने बकाया है। उन्होंने कहा कि एमसीडी की सर्वे किश्तों की सर्वे एनीमिया की सर्वे ड्यूटी की सर्वे इत्यादि सर्वे बगैर पैसों के आशा वर्कर्स करनी पड़ती है जो आशा वर्कर्स की जो बुनियादी काम है जिस काम के लिए आशा वर्कर लगाई गई थी। उसे काम के तरफ सरकार ध्यान नहीं देना चाहती। बच्चा सुरक्षित कैसे रहे में मकसद था डेथ और बर्थ में सुधार लाना। परंतु आशा वर्कर्स के ऊपर आए दिन नए-नए काम का बोझ सौंपा जाता हैं। जिससे कई बार उसके बुनियादी काम छूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि 73 दिन की हड़ताल के बाद मुख्यमंत्री से हमारा समझौता हुआ था उसे टाइम पर मुख्यमंत्री ने कहा था की मैं ₹2100 आपके बढ़ा रहा हूं और प्रधानमंत्री से आपका वेतन को बढ़ाने की सिफारिश करूंगा। अगर प्रधानमंत्री नहीं बढ़ता है तो हम आपके वेतन को और बढ़ाएंगे अब दोबारा से हमारे दरवाजे पर आ सकते हो। परंतु आज मुख्यमंत्री उन सब बातों को भूल रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि समय रहते हुए सरकार आशा वर्कर्स के डेलिगेशन को बुलाकर आशा वर्कर्स की मांगों का समझौता जल्द से जल्द करें नहीं तो आने वाली 3 अगस्त को फरीदाबाद जिले की आशा वर्कर सीएम सिटी करनाल में घेराव के लिए पहुंचेंगे और उसका खामियां जा हरियाणा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
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