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फरीदाबाद 20 जुलाई प्रदेश भर के सभी फैक्ट्रीयों में कार्यरत ठेके के मजदूरों के स्थायीकरण, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए संशोधित करने, चारों श्रम संहिताओं को रद्द करने सहित अन्य मांगों को लेकर कल 21 जुलाई को हरियाणा के श्रम मंत्री के आवास के सम्मुख फरीदाबाद में होने वाले विशाल प्रदर्शन की तैयारियां पूरी कर ली। इस प्रदर्शन में ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन, भवन निर्माण कामगार यूनियन, मनरेगा मजदूर यूनियन, भट्टा मजदूर यूनियन, वन विभाग मजदूर यूनियन, ग्रामीण चौकीदार सभा, ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन फरीदाबाद, सभी फैक्ट्रियों के वर्करों की यूनिय
नों सहित बड़ी संख्या में परियोजनाओं के वर्कर्स भी भाग लेंगे। यह जानकारी सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर, सीटू जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, और कोषाध्यक्ष सुधा ने संयुक्त रूप से दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के उद्योगों में 80% मजदूर ठेके पर है। जिनको स्थाई श्रमिकों से बहुत कम वेतन मिलता है। जबकि फैक्ट्री मालिक उनसे 12 -12 घंटे काम लेता है। उनकी मेहनत से मालिक का मुनाफा बढता है। अधिकतर कल कारखानों में सुरक्षा के उपकरण नहीं है। अकसर कंपनी प्रबंधकों की लापरवाही से काम करते हुए मजदूरों की मौत हो जाती है। उन्हें मालिक मुआवजा देने से इनकार करते हैं। क्योंकि उनका नाम कंपनी के रजिस्टर में दर्ज नहीं होता है। उनका पीएफ नहीं कटता है। उन्हें ठेकेदारों के द्वारा ईएसआई का कार्ड नहीं दिया जाता है। भविष्य निधि के खातों में बड़ी गड़बड़ियां जानबूझ कर की जाती है। जिसकी वजह से श्रमिकों को उन्हीं की मजदूरी से काटी गई जमा धनराशि नहीं मिलती है। इन कारखानों में महिला मजदूरों की हालत कहीं और ज्यादा खराब है। औद्योगिक क्षेत्रों में श्रम कानूनों की परी पालना नहीं होती है। श्रम विभाग जो मजदूरों की रक्षा के लिए बनाए गए थे। उन्हें सरकार द्वारा बेबस बना दिया गया है। कम आमदनी के चलते गरीबी, भुखमरी बढ़ रही है अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा नहीं मिल रही है। कारखाने के आसपास मजदूरों के रहने के लिए आवास की व्यवस्था नहीं है। परियोजनाओं में काम करने वाले आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मिल कर्मियों को न तो सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाता है। और न हीं सामाजिक सुरक्षा की गारंटी मिलती है। वन मजदूरों, ग्रामीण सफाई कर्मचारीयों ,ग्रामीण चौकीदारों, के बड़े-बड़े आंदोलनों के बावजूद सरकार उनकी मांगों का समाधान नहीं कर रही है। निर्माण श्रमिकों के लिए बने कल्याण बोर्ड में श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। उनको मिलने वाली सुविधाओं अघोषित रूप से बंद कर रखी है। ऑटो ड्राइवर रिक्शा चालकों की हालत खराब है। काले कानून बनाकर उनके हितों का दमन हो रहा है। प्रदेश में भट्ठा मजदूरों के साथ भी भारी अन्याय हो रहा है। मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी और काम नहीं मिलता है। सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू की राज्य कमेटी ने श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा से प्रदेश के श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए बैठक का समय मांगा था। लेकिन मंत्री के कार्यालय ने बैठक का समय देना तो दूर की बात है। पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझा। इस लिए सीटू ने कल 21 जुलाई रविवार को श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के आवास पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
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