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सैकड़ो वर्कर्स मांगो के समर्थन में 21 जुलाई को श्रम मंत्री मूलचंद शर्मा के घेराव के कार्यक्रम में भाग लेंगे

Posted by : pramod goyal on : Friday, 19 July 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 19 जुलाई एवरी इंडिया वर्कर यूनियन और हरियाणा टैक्स प्रिंट ओवरसीज वर्कर यूनियन के सैकड़ो वर्कर्स अपनी मांगो के समर्थन में   21 जुलाई को सीटू राज्य कमेटी के आह्वान पर श्रम मंत्री श्री मूलचंद शर्मा के घेराव के कार्यक्रम में भाग लेंगे। यह निर्णय आज दोनों यूनियनों के वर्करों की कंपनी के गेट के सामने संपन्न हुई गेट मीटिंग में लिया गया। इन गेट मीटिंगों को सीटू के जिला  सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने  संबोधित किया।  उन्होंने कहा कि सीटू राज्य कमेटी के द्वारा श्रम मंत्री से बातचीत के लिए समय देने का पत्र लिखे जाने के बावजूद भी कोई संताेजनक जवाब आज तक नहीं दिया गया है।  इसलिए


सीटू ने 21 जुलाई को उनके विधान सभा क्षेत्र में हजारों मजदूरों की रैली करते हुए उनके आवास  के सामने विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने ने कहा कि राज्य में मजदूरों का न्युनतम वेतन मैं पिछले 10 वर्षों में संशोधन नहीं किया गया है।   हरियाणा के लाखों मजदूरों के श्रम की लूट करवाई जा रही है। 2014 में जब तत्कालीन सरकार ने न्युनतम वेतन रिवाइज किया तो यह देश में सबसे ऊपर के राज्यों में था। दिल्ली का वेतन भी कम था। आज हालत यह है। कि दिल्ली में मजदूरों के लिए न्युनतम वेतन 17500 के करीब है और हरियाणा में करीब 10500 रूपये। यानी करीब 7000 रूपये कम। हरियाणा सरकार मजदूरों के श्रम की लूट पूंजीपतियों के मुनाफे के लिए कर  रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के 14 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आते हैं, इनमे न्यूनतम वेतन कायदे से दिल्ली के बराबर होना चाहिए।

उन्होंने ने कहा देश के और प्रदेश के विकास में मजदूरों का बहुत बड़ा योगदान है। लेकिन उनकी न सरकार सुन रही और न ही प्रदेश की नौकरशाही। राज्य के उद्योग मजदूरों के लिए आग की भट्ठी बन गए हैं। केवल 2024 में ही  बड़े बड़े कारपोरेट के हित में भाजपा ने कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को गुलाम बनाने का काम किया है। अब भाजपा इन लेबर कोड्स को लागू करने जा रही है। यही नहीं ड्राइवरों के लिए काले कानून जिसमे 7 साल की सजा और 10 लाख रूपए का जुर्माना है, उस कानून को नहीं बदला जा रहा। निर्माण के कारीगर मजदूरों के हित में बने बोर्ड को पंगु बना दिया गया और सुविधाओं पर अघोषित ताला लगाया गया है। स्कीम वर्कर्स हो, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, चौकीदार हो या राज्य के कच्चे कर्मचारी आज उनमें सरकार की नीतियां को लेकर भयंकर रोष है। ऑटो रिक्शा चालकों के हालात खराब है व इनकी समस्याओं को नहीं सुना जा रहा  उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को हजारों मजदूर, स्कीम वर्कर्स, कच्चे कर्मचारी, निर्माण मजदूर, ऑटो रिक्शा ड्राइवर, फरीदाबाद  12 सेक्टर में इकट्ठा होंगे और राज्य के श्रम  मंत्री मूल चंद शर्मा का घेराव करेंगे। सरकार से मांग की जा रही है‌ कि राज्य में मजदूरों के लिए 26000 रूपये  न्यूनतम वेतन घोषित हो, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बोर्ड बनें, निर्माण श्रमिको के बने बोर्ड के तहत सुविधाओं पर अघोषित पाबंदी हटे, श्रम विभाग, सेफ्टी एंड हेल्थ में पर्याप्त ऑफिस व स्टाफ की भर्ती हो। स्कीम वर्कर्स और कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, लेबर कोड्स और ड्राइवर विरोधी काले कानून रद्द किए जाए।

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