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फरीदाबाद: हजारों मजदूर, स्कीम वर्कर्स, कर्मचारी, ऑटो रिक्शा ड्राइवर अपनी मांगो को लेकर 21 जुलाई को फरीदाबाद में करेंगे हरियाणा श्रम मंत्री का घेराव - सीटू
उक्त बात सीटू हरियाणा राज्य महासचिव जय भगवान उपाध्यक्ष सुखबीर सिंह, जिला अध्यक्ष निरंतर पराशर, सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने कही। वे फरीदाबाद में मजदूरों, कच्चे कर्मचारियों, ऑटो रिक्शा चालकों की सभाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 10 जून को संगठन ने राज्य के नवनियुक्त श्रम मंत्री मूल चंद शर्मा को पत्र लिखा था। जिसमे मजदूरों की मांगो व समस्याओं का हल करने के लिए संगठन को बातचीत के लिए समय देने की मांग की थी। लेकिन बड़े दुख की बात है कि 40 दिन गुजर जाने के बाद भी श्रम मंत्री को मजदूरों से बात करने का समय नहीं है। इसलिए सीटू ने 21 जुलाई को उनके विधान सभा क्षेत्र में हजारों मजदूरों की रैली करते हुए उनके घेराव का निर्णय लिया है। मजदूर नेताओं ने कहा कि राज्य में मजदूरों का न्युनतम वेतन रिवाइज नहीं किया जा रहा यह 2019 में हो जाना चाहिए था। हरियाणा के लाखों मजदूरों के श्रम की लूट करवाई जा रही है। 2014 में जब तत्कालीन सरकार ने न्युनतम वेतन रिवाइज किया तो यह देश में सबसे ऊपर के राज्यों में था। दिल्ली का वेतन भी कम था। आज हालत यह है कि दिल्ली में मजदूरों के लिए न्युनतम वेतन 17500 के करीब है और हरियाणा में करीब 10500 रूपये। यानी करीब 7000 रूपये कम। मजदूरों की यह लूट पूंजीपतियों के मुनाफे के लिए की जा रही ही। उन्होंने कहा कि हरियाणा के 14 जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आते हैं, इनमे न्यूनतम वेतन कायदे से दिल्ली के बराबर होना चाहिए।
सीटू नेताओं ने कहा की हरियाणा के विकास में मजदूरों का बुनियादी योगदान है लेकिन उनकी न सरकार सुन रही और न ही ब्यूरोक्रेसी। राज्य के उद्योग मजदूरों के लिए आग की भट्ठी बन गए हैं। केवल 2024 में ही बड़े बड़े कारपोरेट के हित में भाजपा ने कानूनों में बदलाव कर मजदूरों को गुलाम बनाने का काम किया है। अब भाजपा इन लेबर कोड्स को लागू करने जा रही है। यही नहीं ड्राइवरों के लिए काले कानून जिसमे 7 साल की सजा और 10 लाख रूपए का जुर्माना है, उस कानून को नहीं बदला जा रहा। निर्माण के कारीगर मजदूरों के हित में बने बोर्ड को पंगु बना दिया गया और सुविधाओं पर अघोषित ताला लगाया गया है। स्कीम वर्कर्स हो, ग्रामीण सफाई कर्मचारी, चौकीदार हो या राज्य के कच्चे कर्मचारी आज उनमें सरकार की नीतियां को लेकर भयंकर रोष है। ऑटो रिक्शा चालकों के हालात खराब है व इनकी समस्याओं को नहीं सुना जा रहा है।
ऑटो रिक्शा ड्राईवर यूनियन के प्रधान भोपाल, महासचिव घनश्याम, ओएमपी यूनियन प्रधान दया राम, सचिव अरविंद, स्टार वायर यूनियन प्रधान सुदर्शन, सचिव राकेश, भारत गीयर सचिव मनोज, जीकेएन प्रधान चंद्र पाल, वाईएमसीए यूनियन प्रधान लेखराज आदि ने भी सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को हजारों मजदूर, स्कीम वर्कर्स, कच्चे कर्मचारी, निर्माण मजदूर, ऑटो रिक्शा ड्राइवर, फरीदाबाद 12 सेक्टर में इकट्ठा होंगे और राज्य के श्रम मंत्री मूल चंद शर्मा का घेराव करेंगे। सरकार से मांग की जा रही है कि राज्य में मजदूरों के लिए 26000 रूपये न्यूनतम वेतन घोषित हो, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए बोर्ड बनें, निर्माण श्रमिको के बने बोर्ड के तहत सुविधाओं पर अघोषित पाबंदी हटे, श्रम विभाग, सेफ्टी एंड हेल्थ में पर्याप्त ऑफिस व स्टाफ की भर्ती हो। स्कीम वर्कर्स और कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए, लेबर कोड्स और ड्राइवर विरोधी काले कानून रद्द किए जाए।
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