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बाल विकास से ही राष्ट्र की उन्नति संभव : उपायुक्त विक्रम सिंह

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 12 June 2024 0 comments
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 फरीदाबाद, 12 जून। उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि कहा कि बाल श्रम एक अभिशाप है और यह राष्ट्र की प्रगति में बाधक है, क्योंकि बच्चे राष्ट्र की भविष्य हैं। बाल श्रम से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है। ऐसे में आज हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम बाल श्रम के विरुद्ध आवाज उठाएंगे और बच्चों को उचित शिक्षा और सुरक्षित वातावरण प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की पहल अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने की थीजिसका मकसद बाल श्रम को रोकना था। इसको मनाने के पीछे एक खास वजह यह थी कि बच्चों को मजदूरी न कराकर उनको स्कूलों की ओर शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा सके। बाल श्रम लगातार एक गंभीर समस्या हैजिसके कारण बच्चों का बचपन गर्त में जा रहा है और उनको अपना अधिकार नहीं मिल पा रहा है। यह दिवस बाल श्रम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इसको पूरी तरह से समाप्त करने के लिए व्यक्तिगैर सरकारी संगठन एवं सरकारी संगठनों को प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। इस साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का थीम "सभी के लिए सामाजिक न्यायबाल श्रम का खात्मा (Social Justice for All. End Child Labour!) है। मालूम हो कि संयुक्त राष्ट्र ने बाल श्रम पर कहा है कि पिछले तीन दशकों के इस समस्या से निपटने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यूएन के मुताबिकअगर मूल कारणों को दूर कर दिया जाए तो बाल श्रम को खत्म किया जा सकता है।


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