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हरियाणा में भाजपा के चार सांसदों में से किस सांसद को मिल सकता है केंद्रीय मंत्री का पद

Posted by : pramod goyal on : Thursday 6 June 2024 0 comments
pramod goyal
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 हरियाणा में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद लोगों के मन में एक बड़ा सवाल है कि एनडीए की सरकार बनने के बाद भाजपा के किस सांसद को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। 

2019 में हरियाणा के दो सांसद केंद्र की सरकार में मं


त्री थे। इनमें गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद से सांसद कृष्णपाल गुर्जर शामिल थे। दोनों ही इस बार भी जीते हैं। मगर नवनिर्वाचित दोनों सांसदों की मंत्री बनने की दौड़ इतनी आसान नहीं होने वाली है। राव, गुर्जर के अलावा पूर्व सीएम मनोहर लाल और धर्मबीर सिंह भी केंद्रीय मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि हरियाणा के दो सांसदों को जब मंत्री बनाया गया था, तो उस दौरान भाजपा अकेले ही बहुमत में थी। गठबंधन के दलों का दबाव नहीं होता था।


इस बार स्थितियां बदली हुई हैं। केंद्र में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। भाजपा पर एनडीए में शामिल घटक दलों के सदस्यों को भी मंत्री बनाने का दबाव होगा। उधर, चार महीने बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में संभव है कि इस बार केंद्र में दो के बजाय किसी एक सांसद को मंत्री पद से नवाजा जाए। 
एक नजर डालते हैं कि उन सांसदों पर जो मंत्री बनने की दौड़ में क्यों शामिल हैं। उनके पक्ष-विपक्ष में क्या फैक्टर हैं।

मनोहर लाल 
मनोहर लाल हरियाणा में साढ़े नौ साल तक सीएम रहे हैं। संघ, पीएम नरेंद्र मोदी और शाह से काफी घनिष्ठता है। पीएम मोदी के कहने पर उन्होंने सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी। हालांकि उनके सीएम रहते ही भाजपा के खिलाफ राज्य में सत्ता विरोधी लहर बनी। चार महीने बाद राज्य में चुनाव होने हैं। भाजपा नहीं चाहेगी कि उनकी वजह से राज्य में फिर से पार्टी के खिलाफ नाराजगी बढ़े। ऐसी स्थिति में संभव है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व फिलहाल उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने में परहेज करे।


राव इंद्रजीत 
राव इंद्रजीत छठी बार सांसद बने हैं। अहीरवाल बेल्ट में उनका दबदबा है। भिवानी-महेंद्रगढ़ के अहीरवाल बेल्ट में धर्मबीर को जिताने में उनकी भूमिका काफी अहम रही है। अहीरवाल बेल्ट में 14 विधानसभा क्षेत्र हैं। राज्य सरकार बनाने में इस बेल्ट की भूमिका अहम होती है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए राव इंद्रजीत को केंद्र के मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। मगर इस बार उनका दबदबा कुछ कम हुआ है। वह लड़खड़ाते हुए जीते हैं। पैतृक हलके में उन्हें कम वोट मिले हैं।

कृष्णपाल गुर्जर 
लगातार तीन जीत हासिल करने वाले कृष्णपाल गुर्जर 2014 और 2019 की केंद्र की सरकार में मंत्री रहे हैं। पीएम मोदी के साथ उनकी अच्छी दोस्ती है। मोदी के साथ उन्होंने संगठन में काम भी किया है। इस बार उनका काफी विरोध था, इसके बावजूद वह अपनी सीट जीतने पर कामयाब रहे। ऐसे में इस बार भी वह मंत्री बनने के दौड़ में शामिल हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए मंत्री बनना उनका मुश्किल हो सकता है।

धर्मबीर सिंह 
जीत की हैट्रिक लगाने वाले धर्मबीर सिंह भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। हरियाणा में जाट बिरादरी से आने वाले भाजपा के वह इकलौते सांसद हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ जाट बिरादरी की नाराजगी साफ तौर पर देखी गई है। जाट बेल्ट में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली है। आने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा जाटों की नाराजगी नहीं झेलना चाहती है। इसलिए जाटों को भाजपा से जोड़ने के लिए धर्मबीर को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।

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