लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद सीएम नायब सिंह सैनी अपनी सरकार में कई बदलाव कर सकती है। आचार संहिता हटने के बाद सरकार भाजपा के कई निष्ठावान नेताओं को खाली पड़े चेयरमैन के पदों पर नियुक्त कर सकती है। इसकी काफी सुगबुगाहट हो रही है। वहीं, अफसरों के भी तबादले होने तय हैं। सूचियां बनाई जा रही है। इस महीने के आखिरी तक अफसरों के तबादले कर दिए जाएंगे। हालांकि चर्चा यह भी चल रही है कि मंत्रिमंडल में भी बदलाव संभव है। जिस तरह से चुनाव के दौरान बड़े नेताओं की नाराजगी और निर्दलीय विधायकों के पाला बदलने का घटनाक्रम सामने आया है, उससे सरकार सतर्क हो गई है। एक दो लोगों को मंत्रिमंडल में भी एडजस्ट किया जा सकता है।
भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के बाद जजपा कोटे के कई चेयरमैनी के पद खाली
हो गए हैं। इन पदों पर तैनात नेताओं के इस्तीफे देने के दौरान आचार संहिता लागू हो गई थी। इसलिए उस दौरान नियुक्ति नहीं हो सकी थी। वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने अपनी सरकार का पूरा चेहरा ही बदल दिया था। मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री चुना गया। उनके चुने जाने के चार दिन बाद ही आचार संहिता लागू कर दी गई थी।
उसके बाद से वह पूर्व सीएम मनोहर लाल की टीम से ही काम चला रहे हैं। ऐसे में वह अपनी टीम के कई सदस्यों को भी एडजस्ट करेंगे। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में मेहनत करने वाले पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को भी पुरस्कार के तौर पर उन्हें चेयरमैनी का पद सौंपा जा सकता है। जानकार बताते हैं कि अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सैनी सरकार इन चुनाव का ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों की नियुक्ति कर सकती है, जिससे चुनाव के समीकरण भी साधे जा सकें। यह नियुक्तियां भी जून में कर दी जाएंगी।
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