फरीदाबाद। समाजसेवी हरीश चन्द्र आज़ाद ने कहा कि 2024 के चुनावी नतीजों से जनमत ने हिन्दू-मुस्लिम राजनिति को पूरी तरह से नकार दिया है और राजनितिक पार्टियों को साफ-साफ संदेश दिया है कि देश के विकास, मंहगाई व बेरोजगारी इन मुद्दों पर चुनाव लडऩे वालों का साथ ही देश की जनता देगी। उन्होंने कहा कि जनता ने देखा कि किस तरह से भाजपा सरकार ने किस तरह से चंडीगढ़ में मेयरपद चुनावों में लोकतंत्र की हत्या की तथा लगातार भाजपा ने किस तरह ईडी व सीआईडी का दुरूपयोग किया। जनता ने इस तरह की गंदी राजनिति को नकारा। इन चुनावों की सबसे बड़ी बात यह रही कि बार-बार यह कहना कि जो राम को लाये हैं हम उनको लायेगें लेकिन रामजन्म भूमि के निवासियों ने भाजपा के उम्मीदवार को अयोघ्या में हराकर यह संदेश दिया है कि श्रीराम को लाने वाली बातें करके उन्होंने हिन्दूधर्म का अपमान किया है इसी तरह प्रधानमं
त्री माननीय नरेन्द्र मोदी ने खुद को भगवान तक कह डाला लेकिन जनता ने उनको भगवान व इंसान का फर्क सिखा दिया है।
हरीश आज़ाद ने कहा कि देश की जनता ने देश को मजबूत विपक्ष दिया है जिससे लोकतंत्र की जीत हुई। देशवासियों ने इन चुनावों के नतीजों में यह संदेश दिया है कि भारतवासियों के लिये कोई भी राजनितिक पार्टी देश के लोकतंत्र से बड़ी नहीं हो सकती और कोई राजनितिक इंसान भगवान की जगह नही ले सकता। इन चुनावों के नतीजों ने सभी न्यूज़ चैनलों के एग्जिट पोल को फेल करके दिखा दिया कि पिछले कुछ वर्षों से मीडिया कि आज़ादी कैसे कैद थी जोकि देश के चौथे स्तंब के लिये सही नही है। देश की जनता ने लगातार देखा कि संसद में भाजपा सरकार ने केवल राम मन्दिर, हिन्दू-मुस्लिम में नफरत का जहर व कांग्रेस के 75 सालों का रोना ही रोया कभी एक भी बात विकास की नही की और न कभी देश को आगे ले जाने वाली योजनाओं को बताया तथा मंहगाई व बेराजगारी के नाम तक भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र व भाषणों से गायब रखा जिसका खमिाज़ा भाजपा को चुनावी परिणामों में भुगतना पड़ा।
आज़ाद ने कहा इन चुनाव परिणामों से देश में गठबंधन की राजनिति का रूख बदलेगा, लोकतंत्र मजबूत होगा, हिटलरशाही खत्म होगी, हिन्दू-मुस्लिम की राजनिति का अंत होगा तथा जनता के मौखिक मुद्दों पर राजनितिक का दौर आरम्भ होगा जो देश की जनता के हक में है।
हरीश आज़ाद ने देश की होने वाली नई संसद से अपील करते हुए कहा कि इस बार ऐसा सविधान लायें जिसमें कोई भी राजनितिक पार्टी स्वर्गीय प्रधानमंत्रियों पर कलंक न लगायें इससे देश की संस्कृति खराब होती है। दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र वाले देश का प्रधानमंत्री कोई भी साधारण व्यक्ति नहीं हो सकता इसलिये उन पर कीचड़ न उछाला जाये।
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