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छांयसा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली एक्स-रे मशीन से किया गया टीबी स्क्रीनिंग कैंप

Posted by : pramod goyal on : Thursday 13 June 2024 0 comments
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 फरीदाबाद ,13 जून : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छांयसा में एक क्षय रोग (टीबी) स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किया गया। इस कैंप में 108 मरीजों ने भाग लिया, जिनमें से 55 मरीजों का छाती का एक्स-रे किया गया। इनमें से 20 मरीजों में टीबी का संदेह हुआ। इन मरीजों की बलगम जांच की जा रही है और जल्द ही उन्हें एंटी-टीबी दवाएं शुरू की जाएंगी।

कैंप में मरीजों की पहले बुखार, खांसी, वजन

में कमी या बलगम में खून जैसे लक्षणों के लिए जांच की गई। इसके बाद पोर्टेबल एक्स-रे मशीन का उपयोग करके छाती का एक्स-रे किया गया, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से समर्थित है। यह उन्नत उपकरण कुछ सेकंड में रिपोर्ट देता है, जिससे रेडियोलॉजिस्ट की आवश्यकता नहीं है। मेडिकल इंटर्न डॉ. अमलान दास ने भी इस शिविर में सक्रिय रूप से भाग लिया और मरीजों को उनका एक्स-रे करवाने में मदद की । एक्सरे के नतीजे तुरंत मरीजों के साथ साझा किए गए और एक्स-रे की सॉफ्ट कॉपी पीएचसी छांयसा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से साझा किए गए। लक्षणों और एक्स-रे के आधार पर, चिकित्सा अधिकारी ने आगे की प्रबंधन योजना निर्धारित की।यह कैंप टीबी अलर्ट इंडिया के तहत जिला C19 कार्यक्रम की टीम की सहायता से आयोजित किया गया था। टीबी स्क्रीनिंग के अलावा, मरीजों की ऊंचाई, वजन, रक्तचाप, एचआईवी स्थिति और रक्त शर्करा स्तर की भी जांच की गई। कैंप में शराब और तंबाकू की खपत के लिए भी स्क्रीनिंग की गई। मानसिक स्वास्थ्य विकार या नशे के मरीजों को जिला मानसिक स्वास्थ्य टीम द्वारा प्रदान की गई मनोवैज्ञानिक से परामर्श भी मिला।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छांयसा के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकित चंद्र ने टीबी से निपटने के लिए इस प्रकार के व्यापक कैंपों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि लगभग 30% टीबी मामले बिना लक्षणों के होते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं अक्सर दुर्लभ और निम्न गुणवत्ता की होती हैं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग निदान सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ. अंकित ने कहा कि भविष्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छांयसा के गांवों में और अधिक कैंप आयोजित किए जाएंगे ताकि टीबी से पीड़ित मरीजों का जल्द से जल्द निदान और इलाज किया जा सके।

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