फरीदाबाद, 14 जून। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘टाबर उत्सव’ बन रहा है अनूठी पहल’ कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा के हृदय कौशल, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) ने बताया कि जिला के विभिन्न सरकारी स्कूलों के लगभग 40 से 50 विद्यार्थी मूर्तिकला सीख रहे है। अब स्कूलों के 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी टाबर उत्सव के तहत किताबी ज्ञान के साथ साथ मूर्तिकला का हुनर भी सीख रहे है। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम 30 जून तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान चलेगा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इस उत्सव के तहत बच्चों को मूर्तिकला का हुनर देना शुरू कर दिया गया है।
यह प्रशिक्षण आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलीफ एवं 3 डी स्कल्पचर आर्ट में हरियाणवी संस्कृति पर आधारित दिया जाएगा। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्र-छात्राओं का रचनात्मक/कलात्मक विकास करवाने के लिए यह प्रशिक्षण बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने में कारगर सिद्ध होगा। जिला के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों एक स्थान पर एकत्रित कर मूर्तिकला का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्ति शिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे। इस शिविर में राज्य के निपुण कलाकारों एवं सह कलाकारों द्वारा विद्यार्थियों को मूर्तिकला में पारंगत किया जाएगा और प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे क्ले, पीओपी (अन्य माध्यम) व सामग्री आदि से लघु मूर्तिशिल्पों को बना कर रंगों से हुनर भी सिखाए जाएंगे। जिससे भविष्य में उनको मूर्तिकला क्षेत्र में शिक्षा के साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रतियोगिता, रोजगार एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में करियर बनाने का भी ज्ञान मिलेगा। प्रशिक्षण देने वाले कलाकारों द्वारा कला संस्कृति तथा मूर्तिकला के उत्थान संरक्षण, संवर्धन एवं विकास हेतु कला को निखारा जाएगा जिससे विद्यार्थी अपना कैरियर बना सकेंगे। जिला में आधुनिक मूर्तिकला के प्रचार-प्रसार हेतु यह शिविर अत्यंत सार्थक सिद्ध होगा। इस शिविर/समर कैम्प में विद्यार्थियों को प्रतिदिन रिफैश्मेन्ट भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कक्षा 9 वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी इस शिविर में एक महीने हेतु निःशुल्क भाग ले सकते हैं।
टाबर उत्सव कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमा शंकर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी. अनुपमा तथा सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़ एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेन्द्र कुमार तथा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्रीमती अमृता सिंह के मार्गदर्शन में हृदय कौशल, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) अमनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में जिला में किया जा रहा है। इस ग्रीष्मकालीन शिविर ‘टाबर उत्सव’ का उद्देश्य होनहार छात्र-छात्राओं को मूर्ति शिल्प कला में अपनी प्रतिभा निखारने व लुप्त हो रही मूर्तिकला के विकास के उद्देश्य के साथ-साथ होनहार कलाकारों के मार्गदर्शन में सरकारी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण प्रयोगात्मक अभ्यास के साथ लर्निंग बाय डूइंग प्रोसेस के माध्यम से मूर्ति शिल्प व क्राफ्ट की सौंदर्यात्मक एवं विभिन्न माध्यमों में तकनीकी प्रशिक्षण भी मिलेगा।
मूर्तिशिल्प एकमात्र ऐसा विषय है जिसमें सभी विषयों का अध्ययन एक साथ हो जाता है। शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक ज्ञान को नवीनता प्रदान करता है। हरियाणा राज्य में लुप्त होती मूर्तिकला का विकास एवं विभिन्न माध्यमों में जैसे धातु लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टैराकोटा, कांच, वेल्डिंग, सिरेमिक, असेम्बलेज आदि माध्यमों से भी अवगत करवाया जाएगा। कक्षाओं को प्रयोगात्मक व रोचक बनाने के लिए लाईव मॉडल डेमो से भी कार्य करवाया जाएगा। जिला के लगभग 40 से50 विद्यार्थी इन 30 दिनों में तकनीकी व कलात्मक दृष्टिकोण से लाभान्वित होंगे। स्कूल के प्रिंसिपल छत्रपाल जी में बताया कि मूर्ति कला में अपना हुनर दिखाने के लिए बच्चों ने मोबाइल को संन्यास दे दिया है और अपना भविष्य उजागर करने में लगे हुए हैं बच्चों की इस कला को देखकर गदगद हो रहे थे और उन्होंने बताया कि कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रशिक्षक शालिनी और धीरज द्वारा बच्चों को अच्छे कार्य में लगा करके बहुत ही पुण्य का काम किया है
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