हरियाणा में करीब सवा दो महीने चले चुनाव प्रचार के बाद शनिवार यानी आज दसों लोकसभा सीट पर वोट डाले जा रहे है । पिछली बार सभी दस सीटों पर परचम लहराने वाली भाजपा शुरुआत में खुद को मजबूत मान रही थी, लेकिन प्रचार के अंतिम दिन तक 4 से 5 सीटों पर समीकरण उलझ गए हैं। फरीदाबाद, सिरसा, रोहतक और सोनीपत में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। यहां कांग्रेस ने भाजपा को सियासी समीकरणों में उलझा
दिया है। राजनीतिक विश्लेषक यह बताने की स्थिति में नहीं है कि किसका पलड़ा भारी है।
वहीं, गुरुग्राम, करनाल, कुरुक्षेत्र, हिसार, अंबाला और भिवानी-महेंद्रगढ़ पर भाजपा मोदी फैक्टर, क्षेत्रीय समीकरण और मजबूत उम्मीदवार का तर्क देकर खुद को भाजपा बेहतर स्थिति में मान रही है। इनेलो व जजपा दोनों वोट कटवा की स्थिति में हैं। सिरसा, कुरुक्षेत्र, हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर इन उम्मीदवारों को जितने ज्यादा वोट मिलेंगे, उतने ही दूसरी पार्टियों के वोट कटेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान सत्ता विरोधी लहर, किसान आंदोलन और मोदी के नाम का असर देखने को मिला है।
चुनाव में राज्य के सीएम नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कुमारी सैलजा के साथ चौटाला परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। इन चुनावों का असर चार महीने के बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा। इस लिहाज से सभी राजनीतिक दलों के लिए यह एक तरह से सेमीफाइनल मैच है।
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