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गुस्साई हजारों आशा वर्करों ने सीएमओ कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Monday 13 May 2024 0 comments
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 फरीदाबाद,13 मई।


मानी हुई मांगों को लागू न करने से गुस्साई हजारों आशा वर्करों ने सीएमओ कार्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य मंत्री माननीय कमल गुप्ता को संबोधित आठ सुत्रीय मांगों का ज्ञापन डिप्टी सीएमओ को सौंपा। डिप्टी सीएमओ ने आश्वासन दिया

कि सरकार के स्तर की मांगों को सरकार को भेज दिया जाएगा और स्थानीय स्तर की मांगों का मंगलवार को सीएमओ व अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर समाधान कर दिया जाएगा। प्रदर्शन से पूर्व आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की जिला प्रधान हेमलता की अध्यक्षता में बीके चौंक पर सभा का आयोजन किया गया। जिला सचिव सुधा पाल द्वारा संचालित इस सभा में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, जिला कोषाध्यक्ष भीम सिंह व आशा वर्कर यूनियन जिला उपप्रधान    सुशीला चौधरी , पुजा गुप्ता, माया,  कैशियर नीलम जोशी आदि ने संबोधित किया। आशा वर्करों ने चेतावनी दी कि अगर मानी हुई मांगों को शीघ्र लागू नहीं किया तो प्रदेश की बीस हजार आशा वर्कर लोकसभा चुनाव में कोई कठोर फैसला लेने पर मजबूर होगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा व मास्टर भीम सिंह ने आशा वर्करों को संबोधित करते हुए मांगों एवं आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया।

आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान हेमलता व सचिव सुधा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सात अगस्त से 19 अक्टूबर,2023 तक चली राज्य व्यापी हड़ताल के बाद सरकार के साथ समझोता हुआ था। बातचीत में हड़ताल के दौरान का 4 हजार रुपए मानदेय देने पर सहमति बनी थी। जिसका पत्र भी जारी हो गया था। जिसको अभी तक लागू नहीं किया गया। हड़ताल के दौरान काटा गया मानदेय भी नहीं दिया गया है। उन्होंने मासिक मानदेय की स्लीप देने, आशा वर्करों को दिए गए फोन सिम काम नहीं कर रही है। इसलिए उनको बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा पे एप और गाइडलाइंस में जरुरी सुधार करते हुए दूसरे जिले में होने वाली डिलीवरी का बेनीफिट तुरंत आशाओं की देने, आशाओं की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने, आशा फैसिलीटेटर की विजिट व रिपोर्टिंग की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने और रेवाड़ी में बदले की भावना से हटाई गई आशाओं को वापस पद पर लेने की मांग की गई।

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