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सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) का 54वां स्थापना दिवस लाल झंडा फहराकर मनाया गया

Posted by : pramod goyal on : Thursday 30 May 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 30 मई -


सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) का 54वां स्थापना दिवस  आज 30 मई को श्रम और पूंजी के संघर्ष में मजदूरों की एकता को और मजबूत किए जाने के संकल्प के साथ लाल झंडा फहराकर मनाया गया। सीटू के बसेलुआ कालोनी स्थित कार्यालय में जिला प्रधान निरंतर पराशर ने सीटू का  झंडा फहराया। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि मजदूर आंदोलनों में सीटू की एकता और संघर्ष के नारों का  54 सालों का गौरवशाली इतिहास  है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे जुझारू एवं क्रांतिकारी मजदूर संगठन  सीटू की सफलताओं में सैकड़ो कार्यकर्ताओं और नेताओं की कुर्बानी है। उन्होंने कहा कि यदि 1970 में सीटू नहीं बनता तो बहुत मुमकिन था। कि देश का श्रमिक आंदोलन अपनी धार को नहीं बल्कि अस्तित्व को खो बैठता। अपनी मेहनत से देश के लिए अकूत धन दौलत पैदा करने वाले मजदूरों को शासक वर्गों एवं पूंजीपतियों  के द्वारा हाशिए पर धकेलने  की साजिश हमेशा से रची जाती रही है। मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए संविधान में प्रदत्त श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड्स बना दिए गए हैं। इसके खिलाफ देश का मजदूर वर्ग संघर्षरत है। आज हर तबके का कामगार चाहे वह मैन्युफैक्चरिंग में कार्यरत हो, और सेवा क्षेत्र में हो, संगठित या संगठित क्षेत्र में हो या फिर स्कीम वर्कर आउट सोर्स, ठेकेदारी प्रथा या कैजुअल वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं। वे अपने जीवन और आजीविका पर किसी ने किसी  हमले का सामना कर रहे हैं। इसके  लिए भाजपा सरकार   ने तेजी से कार्यवाही की है।आज की सभा को विजय झा, वीरेंद्र पाल सिंह, रवि, देवी राम, और मालवती ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने अपने संबोधन में मौजूदा सरकार की जन विरोधी नीतियों का उल्लेख करते हुए बताया कि भाजपा सरकार जायज आंदोलनों को कुचलने की रणनीति बनाती रहती है। आजादी के बाद बेरोजगारी चरम पर है। भाजपा ने लोकसभा चुनावों के दौरान रोजगार देने की बात ही बंद कर दी थी। सरकारी विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं। रेगुलर नौकरी के बजाय मामूली वेतन पर कच्ची नौकरी दी जा रही है। हरियाणा में तो उसने हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनकर हमेशा के लिए कच्ची नौकरी का पक्का प्रबंध कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र को तहस-नहस किया जा रहा है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से भविष्य में सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। आज की सभा में कमलेश, सविता, अनीता, लेखराज, धर्मपाल बैसला, संतोष कुमार गंगवार, कैलाश बाबू, अरविंद कुमार, अनंत कुमार, दिनेश पाली, धर्मेंद्र विनीत दयालपुर, आदि के अलावा विभिन्न कंपनियों के बहुत सारे प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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