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वाईएमसीए वर्कर्स यूनियन ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 16 April 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 16 अप्रैल वाईएमसीए वर्कर्स यूनियन  ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।  यूनियन ने कहा कि उनके  मांग पत्र को अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते हैं। आज फिर  से यूनियन ने विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान उनके मांग पत्र पर आकर्षित करने के लिए गेट मीटिंग की। और विश्वविद्यालय प्रशा


सन के खिलाफ नारे लगाए। इस मीटिंग की अध्यक्षता लेखराज प्रधान ने की। इस मीटिंग को सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने    कहा कि जो कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत हैं। उन्हें विश्वविद्यालय में काम करते हुए वर्षों बीत गए हैं। लेकिन  उनको रिटायरमेंट के बेनिफिट नहीं मिल रहे हैं। इतना ही नहीं कौशल रोजगार निगम में कर्मचारियों को सम्मिलित करने के बाद  उन्हें 58 वर्ष में रिटायरमेंट दे दी जाती  है। जबकि हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार ग्रुप डी में कार्यरत कर्मचारियों को 60 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत किया जाता है। उन्होंने बताया कि  रिटायरमेंट के समय उनको  कुछ भी नहीं मिलता। विश्वविद्यालय प्रशासन सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी को ग्रेजुएटी और अवकाश के बदले मिलने वाली धनराशि भी नहीं देता है। यह अजीब विडंबना ही है। कि जिन वर्करों का वेतनमान 21हजार है । उनको ईएसआई के  दायरे से पहले ही बाहर कर दिया गया है। उनके खाते से 17 सौ रुपए  प्रतिमा बीमा कंपनी के नाम पर काट लिए जाते हैं। लेकिन बीमार होने पर इलाज करने के लिए कंपनी से कोई धनराशि नहीं मिलती है।  उनको चिकित्सा भत्ता भी नहीं मिलता है‌। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए बताया कि एक तरफ विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वाले प्रत्येक छात्र को तत्काल आइडेंटी कार्ड जारी किया जाता है। दूसरी तरफ कई सालों से काम करने वाले इन कर्मचारियों को पहचान पत्र नहीं दिए जा रहे हैं। जबकि प्रशासन कर्मचारियों को परीक्षा के  दिनों में सवेरे जल्दी और शाम को देर तक छोड़ता है। ऐसे में जब कर्मचारी घर को जाता है। तो उन्हें रास्ते में पुलिस तंग करती है। ऐसे में कर्मचारियों के पास पहचान अनिवार्य रूप से होना चाहिए । लेकिन इस तरफ  सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।  उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर वर्षों से  दैनिकवेतन पर काम कर रहे मजदूरों को रेगुलर  नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वाईएमसीए को सजाने  संवारने , सफाई  व्यवस्था को दुरुस्त रखने, इसके बाग बगीचे को हरा भरा बनाए रखने में इनका बहुत बड़ा योगदान  है। लेकिन प्रशासन को  पक्का करना तो दूर की बात है। रिटायरमेंट पर कुछ भी देने को तैयार नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस रवैया से वर्कर्स में भारी नाराजगी व्याप्त है। यूनियन ने निर्णय लिया है कि यदि 23 अप्रैल तक उनके मांग पत्र पर प्रशासन बातचीत नहीं करता है। तो यूनियन आंदोलन करने पर मजबूर होगी। इस मीटिंग में राजकुमार उप प्रधान, चंद्रपाल जॉइंट सेक्रेटरी, दुर्गा प्रसाद, उत्तम चंद्र हरवीर, गोविंद राजकुमार प्लंबर राजू मिस्त्री, मनवीर, अरुण, रानी सैनी, बॉबी, डालचंद, पवन, संजय आज भी उपस्थित रहे।

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