फरीदाबाद, 10 अप्रैल। जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देता रहा है कि वरिष्ठ नागरिकों को हर तरह की सुविधा देनी चाहिए, ताकि चुनावी प्रक्रिया में उनकी व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो सके। वहीं जिला रेडक्रॉस सोसायटी बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को वोट डालने में भी मददगार बनेगी।
विक्रम सिंह ने कहा कि 18 वीं लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के लिए भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तैयारियों की समीक्षा से संबंधित आयोग के एजेंडे में एक विषय इन श्रेणियों के मतदाताओं को आवश्यक सुविधा प्रदान करना है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने 80 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाक मतपत्र की प्रक्रिया की सुविधा देने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देशों और मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) पर काम करना शुरू कर दिया है। इन दिशा-निर्देशों में इस तरह के मतदाताओं की पहचान करना, संपर्क करने के तरीकों, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के निर्दिष्ट केंद्रों में संग्रह के साथ-साथ मतदान की विधियों का उल्लेख होगा। वहीं भारत निर्वाचन आयोग भी मतदाताओं को इस नई सुविधा से अवगत कराने के लिए अपनी 'स्वीप' पहल के तहत व्यक्तिगत संपर्क करने सहित अनेक कदम उठा रहा है
चुनाव के लिए 'अनुपस्थित मतदाता' की अवधारणा शुरू की गई है और इसके साथ ही परिभाषित की गई है। तथा अनुपस्थित मतदाता' से आशय ऐसे व्यक्ति से है, जिसे अधिनियम की धारा 60 के अनुच्छेद (सी) के तहत अधिसूचित किया जा सकता है, और जो निर्वाचन आयोग की अधिसूचना में उल्लिखित आवश्यक सेवाओं में कार्यरत है। जो वरिष्ठ नागरिक अथवा दिव्यांगजनों की श्रेणी में शामिल हैं (नियम 27ए (एए)। 'दिव्यांग' से आशय ऐसे व्यक्ति से है, जिसे मतदाता सूची के डेटाबेस में दिव्यांग के रूप में निर्दिष्ट किया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग/ ईसीआई ने द्वारा की गई कई सुविधाएं शुरू:-
जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग/ईसीआई ने कई सुविधाएं शुरू की हैं जैसे व्हीलचेयर, रैंप, स्वयंसेवक, निःशुल्क 'आने-जाने' वाली परिवहन सुविधाएं और कतार- कम मतदान जैसी कुछ सुविधाएं हर बुजुर्ग मतदाता के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा, हमारा बुजुर्ग मतदाता भी घर बैठे अपना वोट भर कर डाल सकते हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि फॉर्म 12D.भारत निर्वाचन आयोग/ सीईओ ने युवा मतदाताओं को पूरा करने के लिए प्रेरित करने के लिए सभी बुजुर्ग मतदाताओं को धन्यवाद दिया गया है। उनके संवैधानिक कर्तव्यों और आभार व्यक्त किया गया है ।
विक्रम सिंह ने कहा कि चुनाव के दौरान वोट डालकर हमारे बुजुर्ग मतदाता असलियत का परिचय देते हैं। एक वोट का मूल्य जो बहुत प्रेरणादायक है। इसके प्रयोजन के लिए 'वरिष्ठ नागरिक' से आशय ऐसे मतदाता से है, जो अनुपस्थित मतदाताओं की श्रेणी में आता है। जिसकी उम्र 80 साल से अधिक है। अनुपस्थित मतदाता के मामले में आवेदन 'फॉर्म 12 डी' में करना होगा और उसमें आवश्यक विवरण दर्ज होंगे तथा इसका सत्यापन वरिष्ठ नागरिक अथवा दिव्यांगजन को छोड़ अनुपस्थित मतदाता के लिए निर्दिष्ट मुख्य अथवा नोडल अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
इसके लिए यह करना अनिवार्य:-
जिला लोक सभा निर्वाचन अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि ईसीआई द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार इसे चुनाव की अधिसूचना की तिथि से पांच दिनों के भीतर रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचना होगा।
अनुपस्थित मतदाता के मामले में डाक मतपत्र केंद्र को वापस कर दिया जाएगा, ताकि नियम 27 एफ के उप-नियम (3) के तहत वोट को दर्ज किया जा सके। इसके साथ उस निर्देश को ध्यान में रखना होगा, जिसे निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया जा सकता है। इन दो श्रेणियों के मतदाताओं यानी 80 साल से अधिक उम्र के मतदाता और मतदाता I सूची में निर्दिष्ट दिव्यांग मतदाताओं के पास यह विकल्प होगा कि वे मतदान के दिन या तो अनुपस्थित मतदाता अथवा एक नियमित मतदाता के रूप में अपना वोट डालें। यदि इन श्रेणियों के अंतर्गत आने वाला कोई मतदाता जल्दी वोट डालना चाहता है। तो उसे चुनाव संचालन नियम, 1961 के संशोधित नियम 27सी के तहत एक नये फॉर्म 12डी में आवेदन करना होगा, जिसे चुनाव अधिसूचना की तिथि से पांच दिनों के भीतर रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंचना होता है । इस तरह के आवेदन की प्राप्ति के बाद मतदाता को एक डाक मतपत्र जारी किया जाता, जिसे अपना वोट दर्ज करने के बाद निर्दिष्ट केंद्र में जमा कराना होगा।
बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग इन सभी श्रेणियों के मतदाताओं के लिए आसान वोटिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस नई पहल से इसीआई इस बात को लेकर आश्वस्त है कि '80 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के पास अपने घर से ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का विकल्प होगा। हालांकि, दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में इस तरह के मतदाताओं के पास या तो निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करते हुए डाक मतपत्र के जरिए मतदान करने अथवा अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदान के दिन मतदान केंद्र जाकर वोट डालने का विकल्प होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला रेडक्रास सोसायटी के चेयरमैन विक्रम सिंह ने आगे कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार जिला में बुजुर्ग व दिव्यांजन मतदाताओं को मतदान के लिए रेडक्रास सोसायटी मददगार बनेगी। जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव बिजेन्द्र सरोत ने बताया कि जिला रेडक्रॉस की टीम विभिन्न स्थानों पर जाकर वोट डालने और वोट के महत्व के बारे में जानकारी दे रही है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ काम करने वाले दिव्यांग संगठन, ट्रांसजेंडर संगठन के साथ भी बैठक की जा रही है और उन्हें वोटर जागरूकता अभियान में शामिल किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक रेडक्रास सोसायटी द्वारा दी जाने सुविधाओं और अन्य गतिविधियां पहुंच सके। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर के साथ बैठक करने के साथ-साथ उन्हें उन्हें जागरूक किया गया है, कि 25 मई के दिन वह सभी ट्रांसजेंडर को साथ लेकर वोट जरूर करने जाएं। इसके साथ-साथ जो संस्थाएं दिव्यांगों के लिए काम कर रही हैं और वहां 18 वर्ष से अधिक की उम्र के दिव्यांग रह रहे हैं। साथ ही बुजुर्ग दिव्यांग जहां रहते हैं, उनके साथ भी बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि जिला में दिव्यांगजन का ग्रुप बनाया गया है, जिन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से भी छोटी-छोटी वीडियो बनाकर जागरूक किया जा रहा है। आगामी 25 मई तक यह जागरूकता कार्यक्रम जारी रहेगा और नियमित रूप से स्वीप की गतिविधियां आयोजित कर लोगों को वोट करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
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