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साइबर पुलिस ने इस सप्ताह 29 मार्च से 04 अप्रैल 2024 तक साइबर अपराध के 09 मुकदमों में 22 आरोपी गिरफ्तार कर 31,24,271 रुपए कराए बरामद

Posted by : pramod goyal on : Monday 8 April 2024 0 comments
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 फरीदाबाद-08 अप्रैल, पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के दिशा निर्देश पर पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध जसलीन कौर के मार्गदर्शन और एसीपी साइबर क्राइम अभिमन्यु गोयत के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए तीनों जोन की साइबर थाना प्रभारीयो की टीमो के द्वारा कार्रवाई करते हुए 22 आरोपियो को गिरफ्तार किया है। 


गिरफ्तार आरोपियो में विकास दिल्ली उत्तम नगर का, आरोपी राजपाल दिल्ली शकूरबस्ती का, आरोपी तनवीर उत्तर प्रदेश के शहजादपुर का, आरोपी हितेश मध्यप्रदेश के धार जिले का, आरोपी जयपाल मध्य प्रदेश के देवास जिले का, आरोपी संदीप मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का, आरोपी उमेश कुमार मध्य प्रदेश के छिन्दवाडा जिला का, आरोपी अंकुर कुमार उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले का, आरोपी कुणाल कुमार गुजरात के गांव गढा का वर्तमान में गुरुग्राम के सेक्टर 90 का, आरोपी खालिद और आरोपी लियाकत अली गांव खंदावली के, आरोपी उभय दास, नरहरि, गणेश चंद्र तीनों आरोपी उड़ीसा के बालासोर जिले के, आरोपी पुष्पेंद्र बल्लभगढ़ आर्य नगर का, आरोपी राहुल कुमार दिल्ली नजफगढ़ का, आरोपी नीतीश उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का, आरोपी राजा दिल्ली के पश्चिम विहार का, आरोपी दीपांशु नांगलोई दिल्ली का, आरोपी आशीष मध्य प्रदेश के देवास जिले का तथा आरोपी धर्मेंद्र मध्य प्रदेश के देवास जिले का रहने वाला है। जिन्हें दिल्ली एनसीआर, यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात इत्यादि स्थानों से गिरफ्तार किया गया है।

आजकल जब भी हम इंटरनेट पर किसी वेबसाइट को खोलते हैं तो वहां पर ऑनलाइन जॉब से संबंधित बहुत सारे विज्ञापन दिखाई देते हैं जिसमें प्रति महीने 50 से 60 हजार रूपए मात्र 3 या 4 घंटे का काम रोजाना करके कमाने का लालच दिया जाता है। इस प्रकार के विज्ञापन आमजन को लुभाने के लिए दिया जाते हैं ताकि रोजगार की तलाश में व्यक्ति उनसे संपर्क करें और वह सुनहरी नौकरी का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठ सकें। कुछ आरोपी शेयर मार्किट में पैसे लगाकर मोटे मुनाफे की गारंटी देते है और फर्जी एप के माध्यम से पैसे लगवा देते है, जिस एप में शेयर डाउन ही नही होता और पीडित अधिक पैसे लगा ता जाता है जब पीडित पैसे निकालता है तो पैसे निकलते ही नही है।  जब पीडित को समझ आता है जब तक उसके साथ फ्रॉड हो चुका होता है। कुछ सरकारी नौकरी और अच्छी कम्पनी में नौकरी के नाम पर भी ठगी करते है।  साइबर ठगी के लिए साइबर अपराधी लोगों को विभिन्न प्रकार से लालच देते हैं, जिनमें से कुछ बडे़ प्रकार टेलीग्राम टास्क फ्रॉड, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, कस्टमर केयर अधिकारी बनकर फ्रॉड, लोन फ्रॉड, अश्लील वीडियों बनाकर ब्लैकमेल करके, QR, UPI ,लोगों के खाते में बहाने से पैसे डलवाने का लालच देना, बैक अधिकारी बनकर ओटीपी प्राप्त करना प्रमुख है।

साइबर अपराध के तरीके:-

कस्टमर केयर फ्रॉड-

आजकल साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन की वेबसाइटों पर अपना प्राइवेट मोबाइल नंबर अपडेट कर देते हैं और जब कोई व्यक्ति गूगल पर सर्च करते हुए उसे नंबर को देखा है और उसे पर संपर्क करता है तो वह फोन साइबर अपराधियों को लग जाता है और वह अपने आप को उसे कंपनी का कस्टमर केयर अधिकारी बताते हैं जिस कंपनी के लिए वह व्यक्ति गूगल पर सर्च कर रहा था। साइबर अपराधी कस्टमर केयर के फर्जी अधिकारी बनकर उससे बात करते हैं और उसकी निजी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और उसके पश्चात वह साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। आमजन से अनुरोध है कि यदि आप किसी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर खोज रहे हैं तो ध्यान रखें कि आप उसे कंपनी के आधिकारिक वेबसाइट पर ही सर्च करें और इस प्रकार के किसी भी साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बचें।
                                                                                                                                                                             
*लोन फ्रॉड*-

फोन पर कुछ मिनटों(5-10) में लोन सस्ते ब्याज पर देने का दावा करने वाले बहुत सारे फर्जी ऐप मौजूद हैं जो चंद मिनटों में लोन देने का झूठा दावा करते हैं।  मोबाइल एप्स के माध्यम से पैसे का लेनदेन बेहद आसान हो गया है। मोबाइल क्रांति के साथ ही पिछले कुछ सालों में मोबाइल एप के माध्यम से फोन पर लोन देने वाले आप भी एक्टिव हो चुके हैं। फोन पर चंद सेकेंड में लोन प्राप्त करने के विज्ञापन नजर आते हैं। गूगल प्लेस्टोर पर भी इंस्टेंट लोन देने वाले सैकड़ों मोबाइल एप्स मौजूद हैं।  एप्स के माध्य से बैंक खातों की सारी जानकारी साइबर ठगों के पास पहुंच जाती है और वहआप को लोन देने की बजाय

आपके खाते में पड़े सारे पैसे उड़ा लेते हैं। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार के सस्ते लोन या लुभावने ऑफर केलालच में न आएं और यदि आपको लोन की आवश्यकता है तो इसके लिए बैंक से संपर्क करें अन्यथा आपकी सारी मेहनत की कमाई यह साइबर् ठग कुछ मिनटों में ही गायब कर सकते हैं।
साइबर फॉड से बचाव-

ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी किसी बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं। जिसपर आरबीआई की सभी शर्त व गाइडलाइन भी मेंशन करते हैं। 
साइबर फ्रॉड के बचाव- बचाव में अगर आपके पास किसी अनजान नम्बर से किसी ऑफर व किसी प्राकर का लाभ देने के संबंध में कॉल आए तो सरकारी नम्बर से जानकारी ले और अपनी गोपनीय जानकारी जैसे बैक खाते,पैनकार्ड, आधार कार्ड, की गोपनीय जानकारी ना दे।

यदि कोई व्यक्ति आपको फोन या मैसेज करके कम समय में ज्यादा पैसे कमाने का लालच देता है तो समझ जाए कि वह साइबर ठग है

लॉटरी या गिफ्ट बांटने वाली कंपनी या वेबसाइट को खोलकर ना देखें

जो ऐप्स प्रीपेमेंट फीस, प्रोसेसिंग फीस या प्री क्लोजर फीस ज्यादा मांगे उनके इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए

अनवेरिफाइड ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स जो उधार देते हों उनसे बचना चाहिए. ऐसे फ्रॉड ऐप आपसे आपकी गोपनीय जानकारियां जैसे बैंक खाते संबंधित डीटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कार्ड या एड्रेस मांगते हैं।

- पॉर्न साइट पर सर्फिंग न करें, केवल सेफ वेबसाइट को ही खोलें

- जिन वेबसाइट के यूआरएल से पहले ताला बना होता है उन साइट पर जाएं

- लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें

- फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें

साइबर पुलिस की उपलब्धियाँ-

साइबर पुलिस ने इस सप्ताह 29 मार्च से 04 अप्रैल 2024 तक साइबर अपराध के 09 मुकदमों में 22 आरोपी गिरफ्तार कर 31,24,271 रुपए कराए बरामद

इस सप्ताह में साइबर पुलिस ने 02 केस साइबर सेंट्रल 03 साइबर बल्लबगढ़ तथा 04 मामला साइबर एनआईटी ने सुलझाया, 339 शिकायतों का निस्तारण करते हुए 6,51,691 रुपए रिफंड व 1,95,664 रुपए बैंक खातों में कराए सीज

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