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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व बेला पर एक सभा का आयोजन सेक्टर 12 डीसी कार्यालय के सामने पार्क में संपन्न हुई

Posted by : pramod goyal on : Thursday 7 March 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 7 मार्च आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व बेला पर आज फरीदाबाद में एक सभा का आयोजन  सेक्टर 12 डीसी कार्यालय के सामने के पार्क में संपन्न हुई। इसकी अध्यक्षता जनवादी महिला समिति की प्रधान  कमलेश, आंगनबाड़ी की वरिष्ठ उप प्रधान सुरेंद्ररी, आशा वर्कर की प्रधान हेमलता, सीटू के प्रधान निरंतर पाराशर, रिटायर कर्मचारी संघ के प्रधान नवल सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उप प्रधान बलवीर बालगुहेर ने की। इसका संचालन सीटू  के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। उन्होंने महिला दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को पूरी दुनिया के सभी देशों में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के गौरवशाली संघर्षों और उपलब्धियों को याद करने का दिन है। इस दिन महिलाएं अपनी पूर्वजों के संघर्षों से प्रेरणा लेकर गैर बराबरी व शोषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराती हैं। यह दिन महिलाओं और मजदूर वर्ग के मुक्ति संघर्षों के बीच गहरे भाईचारे का भी प्रतीक है। 

         इस दिन की शुरुआत 1910 में डेनमार्क में हुई दूसरी अन्तर्राष्ट्रीय समाजवादी महिला कॉन्फ्रेंस से हुई, जब महिला आंदोलन की जनक व कम्युनिस्ट नेता क्लारा जेटकिन द्वारा रखे  प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया कि पूरी दुनिया में महिलाओं के लिए एक दिन मनाया जाए। इसी फैसले के तहत 1910 से  लेकर आज तक 8 मार्च पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। महिलाओं को शिक्षा, वोट, राजनीतिक व आर्थिक  भागीदारी का अधिकार तथा हिंसा के विरुद्ध विभिन्न तरह के कानून इन्हीं संघर्षों का परिणाम हैं। सभा को संबोधित करते हुए हेमलता सूधा और मालवती और नवल सिंह तथा बलवीर सिंह ने बालगुहेर  ने बताया कि 
बहनों, इस बार अंतर्राष्ट्रीय  महिला दिवस ऐसे समय में मनाया जा रहा है, जब हम  चौतरफा चुनौतियों से घिरे हुए हैं।  एक तरफ बर्बर अमेरिकन साम्राज्यवाद समर्थित इजरायल फिलिस्तीन में मासूम बच्चों व महिलाओं की सामुहिक हत्याएं कर रहा है, पूरी दुनिया में धर्म, जाति, नस्ल व क्षेत्र के आधार पर हिंसा, नफरत व भेद-भाव फैलाया जा रहा है वहीं दुसरी तरफ बड़े पूंजीपतियों के हक की आर्थिक नीतियों की वजह से असमानता, गरीबी, भूखमरी, कूपोषण व बेरोजगारी बढ़ रही है‌। इन सब का खामियाजा सबसे ज्यादा गरीब लोगों व महिलाओं को भूगतना पड़ रहा है।
हमारे देश व राज्य के हालात भी अलग नहीं है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। पिछले दस साल साल से भाजपा सरकार राज में है। हमें अपने अनुभवों से देखना होगा कि इन दस सालों में क्या हमारे अच्छे दिन आए ? काला धन वापस आया? 15 लाख खातों में आए ? मंहगाई, भूखमरी, कूपोषण, गरीबी कम हुई ?  उज्जवला के तहत सबको मुफ्त सिलेंडर मिले? सबको शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास मिला ? किसानों को एमएसपी मिली ? महिलाओं, छोटी बच्चियों, दलितों, अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अपराध कम हुए ?  जैसा कि भाजपा सरकार ने वायदे किए थे। जवाब है, नहीं।
महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लंबे-चौड़े दावे करने वाली भाजपा के राज में महिलाएं असुरक्षित और अपराधी संरक्षित हुए हैं। बृजभूषण शरण, संदीप सिंह, कुलदीप सिंह सेंगर, स्वामी चिन्मयानंद, बाबा गुरमीत राम रहीम सहित बिलकीस बानो, आसिफा, निकिता भंडारी हाथरस, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय आदि मामलों में  भाजपा सरकार ने अपराधियों को बचाने में जितना जोर लगाया, वह पूरी दुनिया ने अपनी आंखों से देखा। मणिपुर की जघन्य घटना को कौन भूल सकता है। इसी का नतीज़ा है कि भारत महिलाओं के लिए अफगानिस्तान व पाकिस्तान से भी खतरनाक देश माना गया है। महिलाओं व बच्चियों के  खिलाफ हिंसा बेतहाशा बढ़ी है। साल 2023 के एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं महिलाओं के विरूद्ध 15 प्रतिशत तथा बच्चियों के खिलाफ 94 प्रतिशत अपराध बढ़े हैं। महिलाओं द्वारा संघर्षों से हासिल

अधिकारों,  कानूनों व प्रगतिशील मूल्यों को पलटकर मनुवादी मानसिकता थोपी जा रही है। महिलाओं को  अंधविश्वास, पोंगापंथ व रूढ़िवादी परम्पराओं की तरफ धकेला जा रहा है। जाति व धर्म के नाम पर हिंसा व भेद-भाव में भारी इजाफा हुआ है। साम्प्रदायिक व जातिवादी घटनाओं में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हर तरफ नफरत और वहशियाना माहौल बनाया जा रहा है। संविधान को ताक में रखकर भारत देश को एक धर्म के दबदबे वाला देश बनाने की जी-तोड़ तैयारी हो रही है। राज्य प्रायोजित राम मंदिर का उद्घाटन इसी दिशा में एक कदम है। महिलाओं को कहा जा रहा है दाल-रोटी भूल जाओ ,राम-नाम जपो। परंतु भूखे पेट तो भजन भी नहीं होता।

हालात यह हैं कि मंहगाई व बेरोजगारी ने पिछले 75 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आम आदमी के लिए दो वक्त की रोटी कमाना मुश्किल हो रहा है। दूध व आटे पर भी टैक्स लगा दिया है। राशन वितरण प्रणाली को खत्म किया जा रहा है, फैमिली आईडी के नाम पर लाखों बीपीएल कार्ड काट दिए हैं। हवाई चप्पल वाले आदमी को हवाई जहाज में सफर तो नसीब नहीं हुआ बस व रेल में भी किराए कई गुना बढ़ गए हैं।
बेरोज़गारी इस कदर बढ़ी है कि नए रोजगार मिलना तो दूर जो पहले से लगे थे, उन लोगों का रोजगार भी छूट गया है। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की है। नतीजतन महिलाएं बहुत कम वेतन पर ज्यादा घंटे काम करने के लिए मजबूर हुई हैं। विभिन्न परियोजनाओं में लाखों महिलाओं के श्रम की लूट हो रही है। सरकारी विभागों में भी स्थाई नौकरियों की बजाए अस्थाई नौकरी दी जा रही है। आर्थिक तंगी के कारण घरों में तनाव, हिंसा व आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी होती जा रही हैं। बच्चों की पढ़ाई व छोटी-छोटी बीमारियों की वजह से भी लोग कर्जे में डूब रहे हैं।
 उद्योग धंधे और खेती चौपट हो रही है। एमएसपी व कर्जा माफी की मांग को लेकर किसान दोबारा से आंदोलन कर रहे हैं परन्तु भाजपा सरकार अपने समझौते को लागू करने की किसानों पर गोलियां बरसा रही है, आंसू गैस पैलेट गन छोड़ रही है। इन घटनाओं में एक युवा किसान शहीद हुआ है और कई घायल हुए हैं। इंटरनेट बंद है, रास्ते बंद हैं, उद्योग-धंधे बंद हैं, किसान आंदोलन के बहाने भाजपा सरकार ने पूरे हरियाणा को बंधक बनाया हुआ है। अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लोकतांत्रिक अधिकार को छीना जा रहा है। आंदोलन करने वालों को राजद्रोह जैसे क्रूर कानूनों का सहारा लेकर जेलों में डाला जा रहा है।
  इस तानाशाहीपूर्ण हालात के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस समय महिलाओं की आवाज है कि हमें मनुवाद नहीं संविधान चाहिए, एक धर्म का दबदबा नहीं, धर्म निरपेक्षता चाहिए, हमें नफरत और हिंसा नहीं प्यार और शांति चाहिए। इसलिए हम सभी बहनों व भाइयों से अपील करते हैं  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की विरासत को आगे बढ़ाते हुए भाजपा सरकार की करतूतों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद करें तथा संविधान व देश को बचाने की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें।  आने वाले लोकसभा चुनावों में नफ़रत की राजनीति को हराएं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा करें। सभा के समापन से पहले मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन नगराधीश अंकित को सोपा गया। सभा का समापन अध्यक्ष मंडल के सदस्य कमलेश ने किया। आज की सभा में सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव युद्ध वीर सिंह खत्री, पूजा गुप्ता, नीलम जोशी, सुशीला, अनीता भारद्वाज, सविता चेची, अनीता चेची, यासमीन, रितु मिश्रा, रेखा, पुष्पा, बंदना, कुसुम, सुनीता अनीता, द्रौपदी मोहना, राजबाला नारियाला, शकुंतला अरुवा, बाला प्याला, मुनेश मुझेड़ी विशेष रूप से उपस्थित रही।

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