प्रदेश की 11 जेलों में सलाखों के पीछे बंद कैदी-बंदी जल्द ही वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरते हुए नजर आएंगे। प्रथम चरण में इसकी शुरुआत धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से हो चुकी है। वहीं अब अन्य 11 जेलों की बारी है। इनमें यमुनानगर जेल के कैदी-बंदी भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के तहत जेलों के बाहर पेट्रोल, डीजल एवं सीएनजी पंप स्थापित होंगे। इससे जहां कैदियों-बंदियों को स्वावलंबी बनने का मौका मिलेगा। वहीं सरकार के खजाने में राजस्व भी बढ़ेगा। इसी कड़ी के तहत यमुनानगर में बिलासपुर रोड पर स्थित जिला जेल के बाहर कॉर्नर में पेट्रोल पंप बनाने की योजना है। जेल प्रशासन को पंप लगाने की मंजूरी भी मिल चुकी है। बता दें यमुनानगर में मौजूदा समय में 1224 कैदी-बंदी हैं जिनमें 31 महिलाएं और तीन बच्चे अपनी मां के साथ रह रहे हैं। मौजूदा समय में प्रदेश की जेलों में सिर्फ 20,953 कैदियों को रखने की ही जगह है।
योजना के अनुसार यमुनानगर सहित, अंबाला, करनाल, पानीपत, हिसार, नूंह, सोनीपत, भिवानी सहित अन्य तीन जिलों में पेट्रोल पंप लगाने की योजना है। इनमें यमुनानगर में बिलासपुर रोड पर बनने वाले पंप को एनओसी का इंतजार है। एनओसी मिलते ही पंप लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पंप के खुलने के बाद कैदी-बंदी सुबह से शाम तक यहां काम करेंगे, इसके बाद रात को जेल प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों को ड्यूटियां लगाई जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों और कैदी-बंदियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। बताया बताया जा रहा है इन इस पंप का नाम भी जेल पंपिंग स्टेशन रखा गया है।
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