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बिजली के अधिकार एवं उर्जा क्षेत्र को बचाने के लिए जन आंदोलन का करना होगा निर्माण: सुभाष लांबा

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 13 February 2024 0 comments
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 फरीदाबाद,13 फरवरी। 


उर्जा क्षेत्र एवं बिजली के अधिकार पर हमले के खिलाफ मंगलवार को नगर निगम आडिटोरियम में सेमिनार का आयोजन किया गया। ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के बेनर तले आयोजित इस सेमीनार में सैकड़ों की संख्या में किसान, ट्रेड यूनियन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन व विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमीनार की अध्यक्षता सर्कल सचिव रामचरण ने की और संचालन सर्कल सचिव कृष्ण कुमार कालीरमन ने किया। सेमीनार में ईईएफआई के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सचिव सुदीप दत्ता, आफिस सेकेट्री जयप्रकाश,निवर्तमान पार्षद दीपक चौधरी, एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी आदि मौजूद थे। इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ( ईईएफआई) के राष्ट्रीय सचिव सुभाष लांबा ने सेमीनार का उद्घाटन करते हुए कहा कि उर्जा क्षेत्र व बिजली के अधिकार पर हो रहे हमलों के खिलाफ जन आंदोलन का निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपतियों की गिद्ध दृष्टि बिजली क्षेत्र पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में बिजली निजीकरण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारी 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करके इसके शुरआत करेंगे और लोकसभा चुनाव तक यह सिलसिला जारी रहेगा। 


सेमीनार को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव सुदीप दत्ता ने सेमीनार को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली के अधिकार पर हो रहे हमलों के खिलाफ जन आंदोलन बनाना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सन् 2014 से ही बिजली वितरण प्रणाली के निजीकरण के बिजली अमेंडमेंट बिल को पास करवाने का प्रयास कर रही है। केन्द्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से किए लिखित समझौता का उल्लघंन करते हुए 8 अगस्त,2022 को संसद के पटल पर रख पास करवाने का प्रयास किया। कर्मचारियों व किसानों के विरोध के कारण उक्त बिल संसद की संसदीय समिति को भेजा गया। लेकिन समिति ने बार बार पत्राचार करने के किसी भी स्टेक होल्डर से बात नहीं की। उन्होंने कहा कि इस बिल के पास हुए बिना ही बिजली निजीकरण की मुहिम को तेज कर दिया गया है। सरकार ठीक चल रहे बिजली मीटर को बदलकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा रही और टेरिफ पोलिसी को बदला जा रहा है। प्राईवेट खिलाड़ियों से ओपन मार्केट से बिजली खरीदने के लिए 50 रुपए प्रति यूनिट वसूलने की अनुमति दे दी गई है। उन्होंने कहा कि सब्सिडी व क्रास सब्सिडी को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने लक्ष्य में सफल रही तो बिजली किसान व मजदूर की पहुंच से बाहर हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया है चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बिजली अमेंडमेंट बिल पास करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सेमीनार में निम्न ने किया संबोधित 

सेमीनार को किसान संधर्ष समिति नहर पार के महासचिव सतपाल नरवत, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान नवल सिंह नरवत, सीटू के प्रधान निरंतर पाराशर, सचिव वीरेंद्र डंगवाल, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के नेता यूएम खान, लज्जा राम, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान करतार सिंह, सचिव युद्धवीर सिंह खत्री, सैक्टर तीन आरडब्ल्यूएफ के सचिव रतन लाल राणा,जाट संस्था के प्रधान आजाद सांगवान , युनिट प्रधान रामकेश साहरण, दिनेश शर्मा, युनिट सचिव धर्मेंद्र तेवतिया, अशरफ खान, देवेन्द्र त्यागी, युनिट कैशियर सुरेन्द्र शर्मा, उप प्रधान सुबोद कुमार, संजय कुमार, सुरेन्द्र खटकड़ आदि ने संबोधित किया। सेमीनार में सर्व सम्मति से बिजली के मुद्दे को लेकर गांवों व शहरों में जन सेवाओं का आयोजन करने का फैसला लिया गया।

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