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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ

Posted by : pramod goyal on : Thursday 29 February 2024 0 comments
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 फरीदाबाद, 29 फरवरी - जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा सतत विकास की दिशा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति विषय पर आयोजित इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ फिजिकल साइंसेज का 30वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हो गया। सम्मेलन में भारत और विदेशों से 200 से अधिक प्रतिभागियों


तथा शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया। 

समापन सत्र में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ की प्रोफेसर सुनीता श्रीवास्तव मुख्य अतिथि रहीं, जबकि रित्सुमीकन विश्वविद्यालय, जापान के प्रोफेसर तोशिफुमी दोही सम्मानित अतिथि रहे। सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने की और सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय में कैमिस्ट्री विज्ञान विभाग के अध्यक्ष तथा सम्मेलन के संयोजक डॉ. रवि कुमार ने सम्मेलन की कार्यवाही का सारांश प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में 10 तकनीकी सत्रों में लगभग 170 शोध पत्रों और पोस्टरों की प्रस्तुति हुई, साथ ही चार पूर्ण सत्रों के दौरान सम्मेलन के केंद्रीय विषय पर 16 प्रतिष्ठित वक्ताओं द्वारा विशेषज्ञ वार्ताएं प्रस्तुत की गई।
सम्मेलन में भारत के 15 राज्यों से भागीदारी देखी गई, जिनमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, असम, मेघालय, मणिपुर, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, चंडीगढ़, दिल्ली, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश शामिल है। इसके साथ-साथ जापान, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व भी देखा गया।
इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ फिजिकल साइंसेज (आईएपीएस) के अध्यक्ष प्रोफेसर एच.एस. धामी ने ऐसे अकादमिक प्लेटफार्मों के महत्व पर बल देते हुए सम्मेलन के अनुभव साझा किए। कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने सम्मेलन के माध्यम से वैज्ञानिक सहयोग को आगे बढ़ाने में प्रयासों पर बोलते हुए सम्मेलन की शानदार सफलता के लिए आयोजन टीम को हार्दिक बधाई दी।
सत्र के अंत में सम्मेलन के संयोजक और कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने सम्मेलन को सफल बनाने में अन्य संयोजकों प्रो. नीतू गुप्ता, डीन (विज्ञान और जीव विज्ञान), प्रो. अनुराधा शर्मा, प्रोफेसर मनीषा गर्ग, निदेशक (आरएंडडी), और प्रोफेसर सोनिया बंसल के समर्पित प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया।

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