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बजट में पुरानी पेंशन, आठवें पे कमीशन का गठन व ठेका कर्मियों की रेगुलराइजेशन आदि मांगों की अनदेखी से कर्मचारी नाराज : सुभाष लांबा

Posted by : pramod goyal on : Thursday 1 February 2024 0 comments
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 फरीदाबाद 1 फरवरी। अंतरिम बजट में पुरानी पेंशन बहाली, ठेका कर्मियों की रेगुलराइजेशन, आठवें पे कमीशन का गठन, 18 महीने के बकाया डीए डीआर को रिलीज करने व निजीकरण की मुहिम पर रोक लगाने, खाली पदों को भरने आदि मांगों की अनदेखी से करोड़ों कर्मियों को भारी निराशा हाथ लगी है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने  कर्मचारियों के अति महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी करने पर कड़ी नाराजगी


व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देशभर के करोड़ों की तादाद में कर्मचारी 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल कर इसका माकूल जवाब देंगे । राष्ट्रीय अध्यक्ष लांबा  ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार के एजेंडे में कर्मचारी एवं उनकी मांगें हैं ही नहीं है।  उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा पेश किए अंतरिम बजट में पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, ठेका कर्मियों की रेगुलराइजेशन, समान काम समान वेतन, सेवा सुरक्षा प्रदान करने, आठवें पे कमीशन का गठन करने, कोविड 19 में फ्रीज किए गए 18 महीने के डीए डीआर को रिलीज करने, आयकर छूट की सीमा बढ़ाने, निजीकरण पर रोक लगाने, खाली पड़े लाखों पदों को पक्की भर्ती से भरने आदि मुद्दों को संबोधित ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट से कर्मियों को भारी निराशा हाथ लगी है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से राज्य स्तर पर व्यापक एकता मजबूत कर सरकार के खिलाफ 16 फरवरी को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की ऐतिहासिक सफलता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया को बेच दिया गया है और निजी एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने के लिए टैक्स पेयर्स के पैसों से एयरपोर्ट की संख्या को दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बड़े पूंजीपतियों के लाखों करोड़ रुपए कर्ज को बट्टे खाते में डाला जा रहा है कि लाखों करोड़ रुपए के टैक्सों को माफ किया जा रहा है। कारपोरेट टैक्स को घटाया जा रहा है। दूसरी तरफ कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए आम आदमी की खानें पीने की चीजों पर भी जीएसटी लगा दिया गया है। ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले किए जा रहे हैं।

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