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फरीदाबाद। गरीब व मिडिल क्लास फैमिली के लोगों का सबसे ज्यादा खर्चा महंगी शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च होता है पिछले बजट व इस अंतरिम बजट में इसमें कोई राहत नहीं दी गई है . कैलाश शर्मा प्रदेश महासचिव हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि
सस्ती शिक्षा प्रदा
न कर रहे सरकारी स्कूलों में पैरंटस अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में अध्यापकों,सभी जरूरी संसाधनों की कमी व गुणात्मक शिक्षा ना होने के कारण पेरेंट्स मजबूरी में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते हैं। बजट में सरकारी स्कूलों व सरकारी शिक्षा में भी सुधार लाने के बारे में कुछ नहीं किया गया है। इसी प्रकार सरकारी अस्पतालों में भी सुधार करने के बारे में कुछ प्रयास नहीं किया गया है।
न कर रहे सरकारी स्कूलों में पैरंटस अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में अध्यापकों,सभी जरूरी संसाधनों की कमी व गुणात्मक शिक्षा ना होने के कारण पेरेंट्स मजबूरी में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते हैं। बजट में सरकारी स्कूलों व सरकारी शिक्षा में भी सुधार लाने के बारे में कुछ नहीं किया गया है। इसी प्रकार सरकारी अस्पतालों में भी सुधार करने के बारे में कुछ प्रयास नहीं किया गया है।
वहीं परमेश्वरी कासवान,हाउस वाइफ व सीनियर सिटिजन का कहना है कि कोरोना काल से पहले सीनियर सिटीजन को रेल टिकट में 40% की छूट मिलती थी जिससे वे देश के पर्यटन व धार्मिक स्थलों पर जाते थे लेकिन छूट वापस लेने से वे नहीं जा पा रहे हैं यह चुनावी वर्ष है उम्मीद थी की अंतरिम बजट में इस छूट को बहाल किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ इससे वरिष्ठ नागरिकों को बहुत दुख हुआ है
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