दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 11 जिलों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर काम शुरू किया है। करीब दो साल में इस योजना को पूरा किया जाएगा। 42 लाख मीटर को बदलकर उनके स्थान पर नए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिस पर 6400
करोड़ रुपये खर्च होंगे।
डीएचबीवीएन को हर दो महीने 44 लाख से अधिक बिजली मीटर की रीडिंग लेने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसके बाद भी मीटर रीडिंग को लेकर बार-बार शिकायत आती रहती है। केंद्र सरकार ने बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए हरियाणा सरकार को स्मार्ट मीटर का प्रोजेक्ट दिया है, जिसमें स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद रीडिंग लेने की समस्या खत्म हो जाएगी। मीटर में एक चिप लगी होगी, जिसके जरिये बिजली निगम के अधिकारी मुख्यालय से ही चिप के जरिए उसकी रीडिंग लेकर बिल तैयार कर सकेंगे।
उपभोक्ता भी एप के जरिये अपनी बिजली खपत देख सकेगा। अपनी मर्जी के अनुसार हर महीने या दो महीने का बिजली बिल निकाल सकेंगे। उपभोक्ता अपने मीटर को प्रीपेड भी करवा सकता है। पायलट प्रोजेक्ट में गुरुग्राम में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। पिछले दो साल से वहां स्मार्ट मीटर का उपयोग किया जा रहा है। करीब 4 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अब प्रदेश के अन्य जिलों में इसे अपनाया जा रहा है, जिसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कुछ जिलों के टेंडर इसी महीने में ओपन होंगे।
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