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राष्ट्रीय एनर्जी कंजर्वेशन डे - अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों को बढ़ावा देने की आवश्यकता

Posted by : pramod goyal on : Saturday 16 December 2023 0 comments
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 गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय एनर्जी कंजर्वेशन डे पर आयोजित किए गए विशेष कार्यक्रम में अक्षय ऊर्जा के स्त्रोतों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर फोकस करने का संदेश दिया। जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि ऊर्जा की खपत के विषय में भारत इस दशक


के अंत तक विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बन जाएगा। ऊर्जा की मांग निरंतर बढ़़ रही है। वैकल्पिक ऊर्जा के उत्पादन और संरक्षण को लेकर उदासीनता एक बड़ी चुनौती है। भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस लोगों को ऊर्जा के महत्व के साथ ही साथ बचत, और ऊर्जा की बचत के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण बारे में जागरुक करना है। ऊर्जा संरक्षण का अर्थ है ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग को कम करके कम ऊर्जा का उपयोग कर ऊर्जा की बचत करना है। कुशलता से ऊर्जा का उपयोग भविष्य में उपयोग के लिए इसे बचाने के लिए बहुत आवश्यक है। ऊर्जा संरक्षण की योजना की दिशा में अधिक प्रभावशाली परिणाम प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति के व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण निहित होना चाहिए। ऊर्जा मंत्रालय के अधीन ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा चौदह दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन लोगों के बीच ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के महत्व के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन शमन के लिए समग्र विकास के लिए आवश्यक समग्र प्रयासों के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो एक संवैधानिक निकाय है जो भारत सरकार के अंतर्गत ऊर्जा उपयोग को कम करने के लिए नीतियों और रणनीतियों के विकास में सहायता करता है। भारत में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को वर्ष 2001 में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा निष्पादित किया गया था। क्योंकि हमारे बच्चे और युवा देश का भविष्य हैं। और बच्चों को शिक्षित करने और उन्हें ऊर्जा बचाने के उपाय सिखाने से अच्छा कोई विचार नहीं हो सकता। ऊर्जा के संरक्षण के बारे में बात करते समय रिड्यूस, रियूज एंड रिसाइकिल अर्थात कम करना, पुन: उपयोग करना व पुनर्चक्रण। इन तीन मुख्य तथ्यों के बारे में अवगत कराना इस दिवस का मुख्य ध्येय है। ऊर्जा दक्षता का आशय ऐसी तकनीक के प्रयोग से है जिनमें समान कार्य करने के लिये अपेक्षाकृत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने प्राध्यापिका सोनिया जैन, मुक्ता, जितेंद्र गोगिया,  अध्यापिका सोनिया खत्री, दिलबाग सिंह, रविंद्र डी पी ने ऊर्जा संरक्षण के लिए ऊर्जा के नवीनीकृत स्त्रोतों एवम अक्षय ऊर्जा के अधिकाधिक प्रयोग के लिए छात्राओं और छात्रों द्वारा बनाई गई पेंटिंग की प्रशंसा की और सभी से सोलर एनर्जी और अक्षय ऊर्जा के अन्य स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण में योगदान के लिए प्रेरित किया।

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