नई दिल्ली:
संसद के शीतकालीन सत्र का सोमवार (18 दिसंबर) को 11वां दिन है. मोदी सरकार ने आज लोकसभा में टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2023 (The Telecommunications Bill 2023) पेश किया. टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2023 में भारत सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी या सभी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या नेटवर्क को संभालने, प्रबंधित करने या निलंबित करने की परमिशन देता है
टेलीकम्युनिकेशन बिल, 2023 में कहा गया है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेफ्टी में या पब्लिक इमरजेंसी की स्थिति में किसी भी टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क पर अस्थायी कब्ज़ा कर सकता है. प्रस्तावित कानून भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम, 1950 की जगह लेगा. सरकार का तर्क है कि इनमें से कुछ कानून 138 साल पुराने हैं. टेलीकम्युनिकेशन में तेजी से उभरती टेक्नोलॉजी को देखते हुए नए कानून की जरूरत है.
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