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फरीदाबाद, 6 दिसंबर। कर्मचारियों की लंबित मांगों एवं समस्याओं का समाधान न करने से गुस्साए बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को बल्लभगढ़ डिवीजन आफिस पर धरना दिया और निगम मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के यूनिट प्रधान रामकेश साहरण ने की।
यूनिट सचिव धर्मेंद्र तेवतिया द्वारा संचालित इस प्रदर्शन में ईईएफआई व एएचपीसी वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, सर्कल सचिव कृष्ण कुमार कालीरमन,रामचरण पुष्कर आदि ने भी भाग लिया। धरने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सर्कल सचिव कृष्ण कुमार कालीरमन ने कहा कि पांच ठेका कर्मियों को पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेशों के बावजूद चिरायु योजना के तहत ठेका कर्मियों के कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठेका कर्मियों के पीएफ में डेट आफ ज्वाईनिंग गलत अंकित कर दी गई है,उसको बार बार कहने के बावजूद ठीक नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कौशल रोजगार निगम के कारण फरीदाबाद सर्कल में कार्यरत दर्जनों ठेका कर्मियों को दूसरे सर्कल्स में वेतन मिल रहा है। इस त्रुटि को भी ठीक नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्कल में स्टाफ की भारी कमी और प्रयाप्त संसाधनों के भारी अभाव के बावजूद राइट टू सर्विस एक्ट के तहत कर्मचारियों एवं अधिकारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। बिना शिकायत एवं जांच पड़ताल किए ठेकेदारों के जबानी कहने से कर्मियों के तबादले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उक्त मांगों का शीध्र समाधान नहीं हुआ तो 20 दिसंबर को सर्कल कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले ओल्ड, एनआईटी व ग्रेटर फरीदाबाद डिवीजन पर धरने प्रदर्शन किए जाएंगे।
ईईएफआई व एएचपीसी वर्कर यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि पांच में से तीन राज्यों में चुनाव जीतने के फोरन बाद केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली और हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग कर ठेका संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन,समान काम समान वेतन और ठेका कर्मियों को सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों के प्रति घोर उपेक्षापूर्ण रवैया अख्तियार किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल न होने वाले अधिकारियों को निलंबित करने की घोर निन्दा की है और इस पर तूरंत रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा की इस यात्रा को सरकार की यात्रा बनाया हुआ है। एएचपीसी वर्कर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद ने कहा कि 23 नवंबर से लगातार प्रदर्शन करने के बावजूद बिजली कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान नहीं हुआ। सरकार व मेनेजमेंट के इस गेर जिम्मेदाराना रवैए ने ही बिजली कर्मचारियों को सड़कों पर उतरने और प्रदर्शन जैसा कदम उठाने पर मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के दम पर बड़े बड़े दावे करने वाले अधिकारियों के पास उनकी समस्याओं को सुनने तक का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों की प्रमुख मांगों में कौशल रोजगार निगम भंग कर डीसी रेट ठेका कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान कसा, पुरानी पेंशन बहाल करना, खाली पड़े पदों को पक्की भर्ती से भर बेरोजगारों को रोजगार देने, सभी कच्चे व पक्के कर्मचारियों को पांच हजार रुपए जोखिम भत्ता देने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाकर स्कीम को ठेका कर्मचारियों पर भी लागू करना आदि है।
धरने प्रदर्शन को अन्य के अलावा बिजली कर्मचारी नेता रमेशचंद तेवतिया, रामकेश साहरण, भूपसिंह कौशिक, दिनेश शर्मा, धर्मेंद्र तेवतिया,दिगम्बर सिंह, प्रवेश कुमार, नवीन रावत, सुनिल शर्मा, वेद प्रकाश शर्मा, छवि कांत शर्मा, प्रहलाद किशोर गोयल,वनबीर कर्दम, नबाब खान, नरेंद्र तेवतिया आदि ने संबोधित किया।
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