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गणित सप्ताह - श्रीनिवास रामानुजन की उपलब्धियों से अवगत कराया

Posted by : pramod goyal on : Tuesday 19 December 2023 0 comments
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 शिक्षा विभाग के आदेशानुसार गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में छात्राओं को गणित सप्ताह के अंतर्गत श्रीनिवास रामानुजन की उलब्धियों से अवगत कराया गया


। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि आधुनिक काल के महानतम गणितज्ञों में से एक श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिल नाडु के इरोड जिले में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। रामानुजन को बचपन से ही गणित से अत्याधिक लगाव था। अन्य विषयों में अरूचि के कारण उन्हें 12वीं में असफलता मिली। प्रेरणा की बात है कि जिस स्कूल से रामानुजन 12वीं में दो बार फेल हुए थे उसी का नाम आज रामानुजन के नाम पर है। गणित से लगाव होने के कारण रामानुजन ने मात्र 12 वर्ष की आयु में ही त्रिकोणमिति में महारत प्राप्त कर ली थी। टीबी रोग से ग्रस्त होने के कारण रामानुजन का देहांत बहुत कम 33 वर्ष की आयु में 26 अप्रैल 1920 को हो गया था। अपने जीवनकाल में रामानुजन ने विश्व को 3500 गणितीय सूत्र दिए। रामानुजन ने छोटी आयु में ही कई प्रमेय की रचना की थी। श्रीनिवास रामानुजन जिन्हें अनंत को जानने वाले व्यक्ति के रूप में भी जाना जाता है ने गणित में कोई औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया। फिर भी उन्होंने गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धांत, अनंत श्रृंखला और निरंतर भिन्नों में पर्याप्त योगदान दिया जिसमें गणितीय समस्याओं के समाधान भी सम्मिलित थे। महान भारतीय गणितज्ञों जैसे ब्रह्मगुप्त, आर्यभट्ट और श्रीनिवास रामानुजन ने भारत में गणित के विभिन्न सूत्रों, थ्योरम और सिद्धांतों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इस प्रकार राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने के माध्यम से भारतीय गणित की अद्वितीय परंपरा को प्रोत्साहित करना और इसे आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। यह कड़ी मेहनत, उत्साह और लगन है जिसने श्रीनिवास रामानुजन को एक महान गणितज्ञ बनाया। गणित में अनुसंधान और विकास के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए गणित सप्ताह मनाया जा रहा है। यह दिवस मनाते हुए अनुसंधान और विकास के लिए एक मंच बनाया गया है। यह मंच विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लंबे समय से पीछे रह गई विकास की विरासत को समृद्ध बनाने में सहायता करेगा जिसे गणित और विज्ञान के मूल संस्थापकों द्वारा स्थापित किया गया था। विद्यालय में आज प्राध्यापिका निकिता और मीनाक्षी ने श्रीनिवास रामानुजन की गणित के प्रति उनके रुझान अनुसंधान पर विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया तथा पोस्टर मेकिंग और क्विज का आयोजन किया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने गणित में किए गए अनुसंधान और गणित के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए छात्रों और छात्राओं को प्रेरित करते हुए गणित प्राध्यापिका निकिता की इस आयोजन के लिए प्रशंसा की।

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