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फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के दिशा निर्देश के तहत सीनियर सिटीजन सेल प्रभारी इंस्पेक्टर माया ने अपनी टीम के साथ मिलकर एनआईटी एरिया स्थित डीएवी कॉलेज में छात्राओं को महिला विरुद्ध अपराध, साइबर अपराध, नशा से बचाव के संबंध में जानकारी देकर जागरुक किया है। इसमें छात्राओं के साथ साथ छात्र भी मौजूद ।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि सीनियर सिटीजन सेल प्रभारी अपनी दुर्गा शक्ति की टीम के साथ एनआईटी 3 नंबर स्थित डीएवी कॉलेज में छात्रों को महिला व बालिकाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित जूविनाइल जस्टिस एक्ट, पोक्सो एक्ट और भारतीय संहिता की धाराओं से अवगत कराते हुए जागरूक किया।
इंस्पेक्टर माया और उनकी टीम ने छात्रों को जागरूक करते हुए कहा कि महिलाओं के विरुद्ध घटित हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उनका महिलाओं के अधिकार संबंधित कानून के बारे में जानकारी रखना अति आवश्यक है। महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाए गए हैं और यदि कोई भी व्यक्ति महिलाओं पर अत्याचार करता है तो उसके विरुद्ध कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जा सकती है परंतु इसके लिए आवश्यक है कि समय रहते सूचना पुलिस को दी जाए। छोटी उम्र की किशोरियां अपराधों का ज्यादा शिकार होती हैं इसलिए उनका ध्यान रखना अति आवश्यक है। कानून के तहत बालक बालिकाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों के लिए जूविनाइल जस्टिस और पोक्सो एक्ट का प्रावधान किया गया है जिसमें अपराधियों को ज्यादा कड़ी सजा निहित है। महिला विरुद्ध अपराधों में की जाने वाली कार्रवाई में तेजी लाने के लिए महिला पुलिस थानों का गठन किया गया है तथा इसके साथ ही अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए डायल 112 प्रोजेक्ट भी शुरू किया गया है।
कॉलेज में पढ़ रहे छात्राओं को जागरूक करते हुए इंस्पेक्टर माया ने बताया कि आजकल फेसबुक व्हाट्सएप या अन्य बहुत सारी सोशल साइट्स पर वीडियो कॉल स्कैम चल रहा है जिसमें कोई लड़का या लड़की आपको अश्लील वीडियो कॉल करने का ऑफर देते हैं जिसके झांसे में आकर कुछ युवा उनके साथ अश्लील वीडियो कॉल पर बात कर लेते हैं। वीडियो कॉल के दौरान अपराधियों द्वारा यह कॉल रिकॉर्ड कर ली जाती है जिसमें वीडियो कॉल करने वाले का चेहरा दिखाई देता है। इसके पश्चात अपराधियों का पीड़ित को ब्लैकमेल करने का सिलसिला शुरू होता है। अपराधी उस व्यक्ति को की वीडियो को फेसबुक या व्हाट्सएप के माध्यम से उसके दोस्तों या रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देते हैं और ब्लैकमेल करके उनसे पैसे मांगते हैं। बदनामी के डर के कारण जब व्यक्ति एक बार इन अपराधियों को पैसे दे देता है तो वह उसे फिर से ब्लैकमेल करते हैं और बार-बार पैसे लेते हैं। इस प्रकार व्यक्ति इनके चंगुल में पूरी तरह फस जाता है और इन्हें बहुत सारे पैसे दे देता है इस प्रकार आजकल के युवा इन साइबर अपराधियों के झांसे में आ रहे हैं।
इसके साथ ही आमजन को साइबर हेल्पलाइन 1930 के बारे में जागरूक करते हुए उन्होंने बताया कि यदि किसी के साथ साइबर ठगी की वारदात घटित हो जाती है तो वह तुरंत इस नंबर पर संपर्क करें और उन्हें अपने साथ हुई साइबर ठगी के बारे में जानकारी दें। साइबर टीम द्वारा साइबर अपराधियों के बैंक खातों को फ्रीज करवाकर आपकी रकम आप तक वापस पहुंचा सकते हैं।
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