फरीदाबाद 3 अक्टूबर जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को न्याय देने और भाजपा के मंत्री अजय मिश्रा टैनी को केंद्रीय राज्य मंत्री के पद से हटाने और उसके किसानों के हत्यारे पुत्र आशीष मिश्रा को सजा देने की मांग को लेकर आज जिला मुख्यालय पर उपायुक्त कार्यालय के सामने काला दिवस मनाया और धरना-प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एटक के विशंभर सिंह, इंटक के हुकम चंद बेनीवाल, एचएमएस के आरडी यादव, आईसीटीयू के कामरेड जवाहरलाल, सीटू के कामरेड शिवप्रसाद, रिटायर कर्मचारी संघ के नेता नवल सिंह, किसानों ने सतपाल नरवत ने संयुक्त रूप से की जबकि कार्रवाई का संचालन कन्वीनर वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने किया। इस सभा को एटक के मिथिलेश कुमार, रिटायर कर्मचारी संघ के नेता नवल सिंह , किसान नेता सतपाल नरवत , सीटू के शिवपरसाद, इक्टू के जवाहरलाल, एचएमएस के कामरेड आरडी यादव इंटक के हुकुमचंद
बेनीवाल, बैजू सिंह, कर्मचारी नेता रहे धर्मवीर वैष्णव ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टैनी के पुत्र आशीष मिश्रा ने अपनी थार गाड़ी चढ़ा दी जिसकी वजह से चार किसान और एक पत्रकार की मौके पर मौत हो गई। इतना बड़ा हृदय विदारक हत्याकांड होने के बाद भी उत्तर प्रदेश कि भाजपा सरकार ने आशीष मिश्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसानों की अपील पर निर्णय दिया कि दोषी के विरुद्ध प्राथमिककी दर्ज होनी चाहिए तब जाकर उत्तर प्रदेश की पुलिस प्रशासन ने मजबूरी में कार्रवाई की। दोषी के खिलाफ पुलिस के द्वारा मजबूती से पक्ष नहीं रखने की वजह से वह जमानत पर बाहर आ गया। जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद केंद्र की भाजपा सरकार से राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से बर्खास्त करने और उसके दोषी पुत्र को सजा देने की मांग करता है। आज जिला मुख्यालय पर धरने के बाद प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और आशीष मिश्रा के पुतले जलाए गए। जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल के बैनर तले केंद्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर यह कार्यक्रम निम्नलिखित मांगों के लिए किया गया। श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए, न्यूनतम वेतन प्रतिमाह 26हजार रुपए दिया जाए, सभी फसलों पर c2 प्लस 50% न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए। किसान संगठनों के साथ किए गए समझौते लागू किए जाएं सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा और प्रतिमाह ₹10000 की पेंशन सुनिश्चित की जाए। सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरणों और सेवाओं का निजीकरण बंद किया जाए। बिजली बिल संशोधन 2022 को रद्द किया जाए। किसानों के लिए व्यापक कर्ज माफी योजना लागू की जाए मनरेगा के लिए₹600 प्रतिदिन की मजदूरी और 200 दिन का काम सुनिश्चित किया जाए।
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