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आंगनवाड़ी वर्करों ने डीसी आफिस पर किया आक्रोश प्रदर्शन,सीएम के नाम भेजा मांग पत्र

Posted by : pramod goyal on : Friday 27 October 2023 0 comments
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 फरीदाबाद,27 अक्टूबर। प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में वर्कर्स के 1500 व हेल्पर्स में 750 रुपए बढ़ोत्तरी की धोषणा को लागू करने,26 हजार रुपए न्यूनतम वेतन और 2020-21 की हड़ताल में मानदेय की कटौती बहाली आदि मांगों को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों ने डीसी आफिस पर आक्रोश प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन हरियाणा (1442) संबंधित सीटू एवं एसकेएस की प्रधान देविन्द्री शर्मा ने की। उन्होंने आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि अगर शीघ्र मांगों का समाधान नहीं किया गया तो 2 नवंबर को रोहतक में राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें आगामी आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। प्रदर्शन को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर व सचिव वीरेंद्र डंगवाल ने भी संबोधित किया और मांगों और आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। प्रदर्शनकारी आंगनवाड़ी वर्कर और हैल्पर राजस्थान भवन के सामने पार्क में एकत्रित हुई और वहां आमसभा का आयोजन किया गया।


वहां से करीब एक बजे आंगनवाड़ी वर्कर सरकार के खिलाफ और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए डीसी आफिस पर पहुंची और वहां जमकर आक्रोश प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम 14 सुत्रीय मांग पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। इस अवसर पर यूनियन की जिला सचिव मालवती, कोषाध्यक्ष सीमा यादव, उपाध्यक्ष सुरेन्द्री, बीना,ओमवती, सुषमा व सविता आदि पदाधिकारी मौजूद थे।

यूनियन की प्रधान देविन्द्री शर्मा व सचिव मालवती ने बताया कि 2021-22 में आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स ने करीब चार महीने हड़ताल की थी।  सरकार ने इस अवधि का 75 प्रतिशत मानदेय काटा था। समझौते में प्रतिमाह 100-200 रुपए कटौती कर बकाया का भुगतान करने पर सहमति बनी थी। जिसकी अभी तक बहाली नहीं की गई है। हड़ताल के दौरान बर्खास्त वर्कर्स एवं हेल्पर्स के बर्खास्त अवधि का मानदेय का भी भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि चार साल से बजट होने के बावजूद वर्कर्स को मोबाइल फोन नहीं दिए जा रहे हैं और उनपर आनलाइन काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के किराए व हेल्पर के ईंधन की राशि तक का भुगतान नहीं हो रहा है। राशन की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में करीब चार हजार आंगनवाड़ी सेंटर ऐसे हैं, जहां वर्कर एवं हेल्पर नहीं है। इन पदों को भरा नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग वर्कर्स एवं हेल्पर्स के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। इसलिए मजबूर होकर आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स को पुनः आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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