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फरीदाबाद 23 अक्टूबर पिछले 17 सालों की बेगार और शोषण के खिलाफ,ग्रामीण सफाई कर्मचारीयों को पक्का करने तथा समान काम के लिए समान वेतन देने, की मांगों को लेकर ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन आगामी 26 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर सीएम सिटी करनाल में अधिकार रैली करेगी। इस रैली में फरीदाबाद से सैकड़ों ग्रामीण सफाई कर्मचारी भाग लेंगे। यह जानकारी यूनियन के राज्य प्रधान देवी राम ने हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए दी। यूनियन की हड़ताल आज 14 वें दिन भी क्रमशः जारी रही।आज सोमवार
को सरकार की टालमटोल की नीति से गुस्साए कर्मचारियों जिला मुख्यालय पर झाड़ू लेकर प्रदर्शन किया और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। कर्मचारी मृतक कर्मचारियों के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा दो, और परिवार के एक सदस्य को अनुग्रह पूर्वक अनुदान नीति के तहत नौकरी देने, के नारे लगा रहे थे। कर्मचारियों ने उपायुक्त कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया ।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सैकड़ो ग्रामीण सफाई कर्मचारी सेक्टर 12 में धरना स्थल पर एकत्रित हुए। यहां से प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय के सामने गए। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व जिला प्रधान महेंद्र सिंह मंढोतिया ने किया। जबकि कार्रवाई का संचालन जिला सचिव दिनेश पाली कर रहे थे। इस मौके पर सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल, विशेष रूप से मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नेताओं ने बताया कि उनको ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई का काम करते हुए 17 साल पूरे हो चुके हैं। 17 सालों तक समाज की सेवा करने के बाद भी हम मामूली से मानदेय पर काम करने को मजबूर हैं। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी नहीं है। और न हीं इन्हें जीने लायक वेतन दिया जाता है। सफाई कर्मियों को पक्का करने तथा₹15000 वेतन देने का वायदा करके सरकार सत्ता में आई थी। लेकिन भाजपा की सरकार ने सफाई कर्मियों के वेतन में बहुत ज्यादा गैर बराबरी पैदा कर दी है। हमारे ऊपर कभी कोरोना में फूल बरसाए जाते हैं। तो कभी पांव धोने का ड्रामा किया जाता है। हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए कभी महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर तोहफा देने के लिए बुलाया जाता है। तो कभी अपनी टिकट पक्की करवाने के लिए समाज और भाईचारे के नाम पर कुछ लोग हमें भीड़ जुटाने के लिए इस्तेमाल करते आए हैं। हमारी नौकरी पक्की हो या ना हो लेकिन सत्ता के साथ बैठे कुछ समाज के ठेकेदार जरूर मालामाल हो जाते हैं। पक्की नौकरी और समान वेतन की मांग को लेकर 10 अक्टूबर से हरियाणा के ग्रामीण सफाई कर्मचारी हड़ताल करके ब्लॉक और जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हर रोज धरनो में हाजिरी बढ़ रही है। और आंदोलन तेज होता जा रहा है। लेकिन सरकार आंदोलनकारीय़ों से वार्ता करके नीति बनाने और समान वेतन लागू करने के बजाय आंदोलन को लंबा खींच रही है। लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के हौसले बुलंद हैं। संकल्प कर लिया है कि जब तक सरकार मांगों को लागू नहीं करेगी ग्रामीण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर ही रहेंगे। हड़ताल लगातार बढ़ती जा रही है। इस हड़ताल में डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले भी शामिल हो गए है। आज के प्रदर्शन को नरेश , राजू तिगांव, मनोज नरियला, राजू नरावली, महेंद्र मंढोतिया, धर्मेंद्र, श्यामवती, बीना, राजवती, राजन, मोखला देवी, मनोज हंस, बलेश कुमारी, ओमप्रकाश , सुनील पारछा , विनीत, आदि ने भी संबोधित किया।
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