हरियाणा पुलिस ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। स्टेट क्राइम ब्रांच, हरियाणा ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला भारत सरकार के विभिन्न विभागों, फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया से लेकर आर्मी, आईटीबीपी, बीएसएफ, यूपी पीडब्लूडी आदि विभागों में नौकरी दिलवाने का था।
स्टेट क्राइम ब्रांच के चीफ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने पुलिस अधीक्षक सुरेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए। जांच में खुलासा हुआ कि ठग दिल्ली व उत्तर प्रदेश के हैं और मामला कई राज्यों से जुड़ा हुआ था। एसआईटी ने सबूतों पर काम करते हुए 5 महीने में ही केस का खुलासा कर पांच आरोपियों को चार लाख रुपये, मोबाइल, कंप्यूटर और पेन ड्राइव के साथ गिरफ्तार किया।
भिवानी निवासी रविंद्र, विक्रम व प्रदीप ने जिला पुलिस को शिकायत दी थी कि सभी ने एफसीआई में गोदाम अटेंडेंट के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था, जिसमें नौकरी दिलवाने के नाम पर सिक्योरिटी की राशि की मांग की गई थी। आरोपियों ने शिकायतकर्ताओं से प्रति व्यक्ति साढ़े पांच लाख रुपये लिए थे जो कुल मिलाकर साढ़े 16 लाख रुपये बनते हैं।
शिकायत में बताया गया कि पीड़ितों को अपॉइंटमेंट लेटर दिए गए और उसके बाद फिरोजपुर, पंजाब में ट्रेनिंग करवाई गई। वहीं पर पीड़ितों के कागज जमा करवाए गए और पहचान पत्र भी जारी किए गए। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सभी से तीन महीने ट्रेनिंग के नाम पर काम करवाया गया और जल्दी ही पोस्टिंग देने का वादा किया गया। इस दौरान शिकायतकर्ताओं को किसी भी प्रकार की सैलरी नहीं दी गई। जब कई दिन तक कहीं पोस्टिंग नहीं की गई और न ही सैलरी मिली तो युवकों को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने जिला पुलिस को शिकायत दी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि केस में भारत सरकार के विभाग में झूठे अपॉइंटमेंट लेटर, मेडिकल, ट्रेनिंग के नाम पर ठगी हुई थी। केस संजीदा था, इसलिए इसकी जिम्मेदारी फरवरी 2023 में स्टेट क्राइम ब्रांच को दी गई। केस पर कार्रवाई करने के लिए एडीजीपी क्राइम ओपी सिंह ने पुलिस अधीक्षक सुरेश कुमार की अध्यक्षता में गठित टीम में इंस्पेक्टर शेखर सिंह, एसआई वीर सिंह, एएसआई मनेन्दर सिंह, प्रदीप, विनोद व साइबर विशेषज्ञ अंकुश को शामिल किया। सरकारी विभागों के फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, ट्रेनिंग, आईकार्ड जारी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह में शामिल आरोपियों को टीम ने सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया।
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