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फरीदाबाद,9 जुलाई। कंज्यूमरों की बढ़ती संख्या के कारण डीएचबीवीएन मेनेजमेंट ने फरीदाबाद में 12 नयी बिजली सब डिवीजन बनाई है, लेकिन इन सब डिवीजनों में नये स्टाफ की पोस्टिंग न होने से पहले से वहां तैनात कर्मियों पर असहनीय बोझ आ गया है। जिसके कारण बिजली कर्मचारी व अधिकारी भारी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। मानसिक दबाव के कारण कई कर्मचारी एवं अधिकारी समय पूर्व रिटायरमेंट लेने तक पर विचार कर रहे हैं। इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फैडरेशन ऑफ इंडिया एवं एसकेएस से संबंधित ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन ने नयी बनाई गई 12 सब डि
वीजन में स्टाफ पोस्ट न करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और सर्कल में खाली पड़े करीब डेढ़ हजार पदों को विशेष अभियान चला कर भरवाने की मांग को लेकर सरकार को आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।
इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया व एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी व सर्कल सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि यूनियन के निरंतर आंदोलन के दबाव में फरीदाबाद सर्कल में 12 नयी सब डिवीजन बनाई गई और 18 पहले से अस्तित्व में है। उन्होंने बताया कि 12 बनाई गई नयी सब डिवीजन में से 6 ( सेक्टर 21, सूरजकुंड,मवई, इस्माइलपुर, सेक्टर 55 व सिटी सब डिवीजन 3) में तो एसडीओ भी पोस्ट कर दिए। लेकिन उनके पास एक भी कर्मचारी नहीं है। वह बिना सब डिवीजन के ही वेतन ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि नयी बनाई गई हार्डवेयर चौक,एसजीएम नगर, सेक्टर 18,ग्रीन फील्ड,शहदपुर व धौज सब डिवीजन तो केवल कागजों में ही है। उन्होंने बताया कि नयी सब डिवीजनों में केवल सेक्टर 21, सेक्टर 55 व सिटी 3 ने काम करना शुरू किया है। लेकिन निगम मेनेजमेंट ने एक भी नया कर्मचारी इन सब डिवीजन में पोस्ट नहीं किया। दूसरी सब डिवीजन में पहले से तैनात कर्मियों को ही यहां शिफ्ट कर काम चलाना पड़ रहा है।
ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के उप प्रधान सुभाष लांबा ने बताया कि फरीदाबाद में डीएचबीवीएन की अब 30 सब डिवीजनों,चार डिवीजन और एक सर्कल है। उन्होंने बताया कि सर्कल में उक्त,सब डिवीजन, डिवीजन व सर्कल में 1985 पोस्ट स्वीकृत है। इन स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 537 काम कर रहे हैं और 1448 पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने रिक्त पदों का ब्यौरा देते हुए बताया कि जूनियर सिस्टम इंजीनियर की 23,जेई -1 की 9,जेई इलेक्ट्रीकल कई 63, एएफएम की 57,लाईन मैन की 368,साहयक लाइनमैन की 772, एसए की 24, असिस्टेंट फिल्ड की 12,यूडीसी की 88, एलडीसी की 48, सीनियर स्केल स्टेनों की एक और जूनियर स्केल स्टेनों 4 पोस्ट रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि स्टाफ भर्ती न करने से मेनेजमेंट को करीब पांच करोड़ रुपए प्रतिमाह बचत हो रही है और इसका खामियाजा पहले से तैनात कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है।कर्मचारियों की भारी कमी के बावजूद अनुभव प्राप्त कर्मचारी बिजली 12 से 15 घंटे काम करना पड़ रहा है। क्लेरिकल स्टाफ भी 12 घंटे रोजाना ड्यूटी दे रहा है। राजपत्रित अवकाश व साप्ताहिक अवकाश में भी दफ्तर लगाने पड़ रहे हैं। इसके बावजूद सरकार बिजली कर्मचारियों की लंबित मांगों एवं समस्याओं का समाधान करना तो दूर बिजली मंत्री ने बातचीत तक करना आवश्यक नहीं समझा है। जिसके कारण कर्मचारियों में आक्रोश निरंतर बढ़ रहा है।
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