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रीदाबाद 6 जून - आशा वर्कर यूनियन ने तैयार की आंदोलन की रूपरेखा। आगामी 12 जून को जिले के चारों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मांगों के समर्थन में धरने दिए जाएंगे। यदि सरकार ने मांगों का समाधान नहीं निकाला तो 8 अगस्त से आशा वर्कर हड़ताल पर चली जाएंगी। तीन दिन की हड़ताल के दौरान सभी कामकाज ठप रहेगा यह निर्णय आज मंगलवार को एनआईटी नंबर 5 स्थित आशा वर्कर यूनियन के कार्यालय में संपन्न हुई आम सभा में लिया गया। इसकी अध्यक्षता
जिला प्रधान हेमलता ने की। जबकि संचालन नीलम जोशी ने किया। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान निरन्तर पराशर,और जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभा को संबोधित करते हुए पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भी आशा वर्करों ने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना पीड़ितों का सर्वे किया। जब सड़कें सुनसान थी।जब सब लोग अपने घरों के अंदर थे। तब भी कोरोना जैसी भयंकर बीमारी से ग्रसित लोगों की रिपोर्ट लाकर आशायें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दे रही थी। इतना जोखिम का कार्य करने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें किसी भी प्रकार की प्रोत्साहन राशियों का भुगतान नहीं किया। आज भी उनकी लंबित मांगें ज्यों की त्यों पड़ी हुई हैं। उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। सरकार उन्हें मात्र चार हजार रुपए का मानदेय देकर स्वास्थ्य विभाग की सारी परियोजनाओं को लागू करने का दबाव डालती है। उनकी मांगों के प्रति सरकार और अधिकारियों का उदासीन रवैया रहता है। इसलिए यूनियन ने संघर्ष को तेज करने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में 12 जून सोमवार को धौज फतेहपुरतगा की आशा वर्कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली के प्रांगण में धरना देंगी। इस धरने को हेमलता, अनीता भारद्वाज और शाहीन परवीन संबोधित करेंगी। इसके अलावा पल्ला तिलपत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सभी आशा वर्कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खेड़ी कला के सामने एकत्रित होकर धरना देंगी। इस धरने को सीटू के जिला सचिव वीरेंद्र सिंह डंगवाल और नीलम जोशी संबोधित करेंगे। जबकि मोहना,छांयसा, दयालपुर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अंतर्गत कार्यरत वर्कर कौराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने धरना देंगी। इस धरने को सुधा और प्रधान निरंतर पाराशर संबोधित करेंगे। इसी तरह से पन्हेडा और तिगांव पीएचसी की वर्कर तिगांव में इकट्ठे होंगी। यहां पर धरने को रेखा शर्मा और सुशीला संबोधित करेंगे। इन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए अभी से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर वर्करों की गेट मीटिंग ली जाएगी। सरकार आयुष्मान कार्ड भी आशाओं से बनवाती है। आशा वर्कर्स के पास नियमित गतिविधियों के अलावा और बहुत सारे काम भी लिए जा रहे हैं। इन पर ऑनलाइन काम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। एनसीडी का ऑफलाइन काम आशा पिछले 2 वर्षों से लगातार कर रही हैं। लेकिन इतना कार्य करने के बावजूद भी इन्हें न्यूनतम वेतन, ईएसआई, भविष्य निधि का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार इन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं देना चाहती। आशाओं को पैनल के अस्पतालों में इलाज करने की सुविधा भी नहीं मिलती है। इतना ही नहीं आशाओं के पास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अपना रिकॉर्ड रखने के लिए अलमारी और दूसरे संसाधन भी नहीं मिल रहे हैं। जबकि यूनियन आशाओं को पक्का करने इन्हें पेंशन देने की मांग को लेकर लगातार संघर्ष के मैदान में है। आज की बैठक को शाहीन परवीन, पूजा गुप्ता, कांति, संगीता आदि ने भी संबोधित किया।
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