हरियाणा में CBI की स्पेशल कोर्ट के जज सुधीर परमार के भ्रष्टाचार के बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की FIR में कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। इस केस में सुधीर परमार और M3M व IREO जैसे नामी बिल्डरों की कथित साठगांठ का सिलसिलेवार ढंग से ब्यौरा दिया गया है। FIR में सुधीर परमार की अलग-अलग लोगों के साथ हुई बातचीत से जुड़ी ऑडियो रिकॉर्डिंग और वाट्सऐप चैट का जिक्र है। ऑडियो रिकॉर्डिंग में परमार एक केस में आरोपियों की मदद के बदले में 5 से 7 करोड़ रुपए मांग रहे हैं तो वॉट्सऐप चैट में उन्हें IREO केस के आरोपियों द्वारा 5 करोड़ रुपए दिए जाने का भी जिक्र है।
FIR में कहा गया कि सुधीर परमार का भतीजा अजय परमार रियल एस्टेट कंपनी M3M में बतौर कानूनी सलाहकार नियुक्त है और सुधीर परमार डीलिंग के लिए उसी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। M3M के डायरेक्टर रूप कुमार बंसल और सुधीर परमार की बातचीत का जिक्र भी FIR में है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से परमिशन मिलने के बाद ACB ने 17 अप्रैल को FIR दर्ज की। इसमें CBI जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और रियल एस्टेट कंपनी M3M इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रूप बंसल के खिलाफ एंटी करप्शन एक्ट की धारा 7, 8, 11 व 13 और IPC की धारा 120-बी के तहत केस रजिस्टर्ड किया गया। सुधीर परमार का भतीजा अजय परमार रियल एस्टेट कंपनी M3M में कानूनी सलाहकार है। इस FIR में सुधीर परमार के करप्शन से जुड़े सबूतों और दस्तावेजों का जिक्र है।
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