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ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने यौन उत्पीडन के खिलाफ चल रहे पहलवानों के आंदोलन का समर्थन किया

Posted by : pramod goyal on : Sunday 21 May 2023 0 comments
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 फरीदाबाद,21 मई। राज्य कर्मियों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने यौन उत्पीडन के खिलाफ चल रहे पहलवानों के आंदोलन का समर्थन किया है। फेडरेशन ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी व पद से बर्खास्त करने की मांग का पुरजोर समर्थन करते हुए 23 मई को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने और आंदोलन के साथ एकजुटता प्रकट करने का फैसला लिया है। ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन के अध्य


क्ष सुभाष लांबा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य कर्मचारी इससे पहले भी 8-9-10 मई को सभी राज्यों में प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को होने वाले प्रदर्शन दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, यूपी व राजस्थान से सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी जंतर-मंतर पर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन की तर्ज पर पहलवानों के शांतिपूर्ण धरने को एक विशेष जाति, इलाके,एक ही अखाड़े, राजनीति से प्रेरित बताकर कमजोर करने का भरपूर प्रयास किया। लेकिन जब सभी प्रयास असफल हो गए तो पुलिस दमन से धरने को समाप्त करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जो घोर निंदनीय ही नहीं असहनीय भी है और दिल्ली पुलिस के आलोकतांत्रिक रवैए को पुनः उजागर करता है। उन्होंने कहा कि मेडल जीतने पर देश इन पहलवानों को सिर पर बैठाता है और पीएमओ व खेल मंत्रालय उनको चाय पर आमंत्रित कर फोटोशूट करवाए जाते है। लेकिन आज उनके साथ हो रही बदसलूकी और ओलंपियन पहलवानों के बह रहे आंसुओं पर उनकी चुप्पी हैरान करने वाली है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद करने वाली नेत्रियां की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब देश देख रहा है।


उन्होंने बताया कि  सात महिला पहलवानों ने सीपी पुलिस स्टेशन में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर यौन उत्पीडन के गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी, जिसमें  एक नाबालिग पहलवान भी शामिल है। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर ओलंपियन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न होने पर पीड़ितों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करनी पड़ी। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद दो एफआईआर दर्ज हुई है। लेकिन पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। खेल मंत्रालय ने आरोपी को पद से भी नहीं हटाया है। उन्होंने कहा कि पहलवानों ने आरोप लगाया है कि पद पर रहते हुए आरोपी सबूतों को मिटाने और आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों को शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा है। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष को गिरफ्तार करने और पद से बर्खास्त करने की पहलवानों की मांग का पुरजोर समर्थन किया है और सभी कर्मचारियों से सोमवार को होने वाले आक्रोश प्रदर्शनों में बढ़ चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया है।

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