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फार्म 6 में लिखे ब्यौरे की हो जांच, तभी मिले फीस बढ़ाने की अनुमति, मंच ने आरटीआई लगाकर मांगी 36 स्कूलों के फार्म 6 की कॉपी

Posted by : pramod goyal on : Sunday 10 April 2022 0 comments
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 प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस बढ़ाने से पहले फार्म 6 भर कर जमा कराना अनिवार्य किया गया है। जो स्कूल फॉर्म 6 जमा नहीं कराएगा वह फीस नहीं बढ़ा सकता है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि फार्म 6 में लिखे ब्यौरे की  सत्यता की जांच होनी चाहिए। जांच के बाद ही फीस बढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मंच का कहना है कि फार्म 6 सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को दिया गया एक बेहतरीन तोहफा है। स्कूल संचालक फार्म 6 में ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में कितनी भी फीस बड़ा कर लिख दें, आमदनी और खर्चे का कैसा भी ब्यौरा दे दें। शिक्षा विभाग द्वारा उसकी कोई भी जांच-पड़ताल व चेकिंग नहीं की जाती है। स्कूल प्रबंधक फार्म 6 जमा कराते ही अभिभावकों से फार्म 6 में दर्शाई गई बड़ी हुई फीस के अनुसार फीस वसूलना शुरू कर देते हैं। जिन स्कूलों ने फार्म 6 जमा ही नहीं कराया वे हर साल फीस बढ़ाने में सबसे आगे रहते हैं। मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि जब फार्म 6 में दर्शाई गई फीस, फंड्स व अन्य ब्यौरे की वैधानिकता व सच्चाई की जांच शिक्षा विभाग को करनी ही नहीं है तो फिर फार्म 6 भरवाने का क्या फायदा? दरअसल फार्म 6 सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों को दिया गया एक बेहतरीन तोहफा है जिसका स्कूल प्रबंधक अपने हित में इस्तेमाल करते हैं और उसकी आड़ में किसी भी कार्रवाई से बच जाते हैं। कैलाश शर्मा ने कहा है कि मंच की ओर से कई बार मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा गया है कि प्राइवेट स्कूलों के पिछले 10 साल के खातों की जांच व ऑडिट व नियमों के पालन करने की जांच सीएजी से कराई जाए जिससे पता चल सके कि प्राइवेट स्कूल सभी नियम कानूनों का पालन कर रहे हैं या नहीं, वे फायदे में हैं या घाटे में और अपने सीए से ऑडिट करा कर फार्म 6 के साथ लगाई गई बैलेंस शीट में कोई हेरा फेरी तो नहीं की गई है। इन सब बातों की ठीक से जांच हो सके। लेकिन सरकार ने मंच के पत्रों पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है।अब मंच इस मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करेगा। उधर ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष एडवोकेट बीएस विरदी ने शिक्षा निदेशक पंचकूला व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय फरीदाबाद के राज्य जन सूचना अधिकारी के पास एक आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के 36 प्राइवेट स्कूल मानव रचना, ग्रैंड कोलंबस, डीएवी, एमवीएन17 व अरावली हिल्स, मॉर्डन 17, सेंट जॉन्स, सेंट थॉमस, सैंट एंथोनी, डिवाइन, अग्रवाल, डायनेस्टी, फरीदाबाद मॉडल, श्री राम, रयान, डीपीएस, एपीजे, मॉडर्न डीपीएस, तक्षशिला, एडी,

होली चाइल्ड ,हरमन गमेनर, विद्यासागर, आयशर, अरावली इंटरनेशनल, टैगोर, गोल्ड फील्ड आदि स्कूलों द्वारा शिक्षा सत्र 2022-23 के लिए और इससे पहले के तीन सालों के लिए जमा कराए गए फार्म 6 की फोटो कॉपी व अन्य कई सूचना व जानकारी मांगी गई है। जिनमें प्रमुख हैं, छात्रों के अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किन किन फंडों में पैसे लिए गए हैं उन सभी फंडों के नाम और उनमें प्राप्त राशि का विवरण,अन्य स्रोतों से प्राप्त आमदनी का विवरण,  लाभ के पैसे को स्कूल से बाहर डाइवर्ट या अन्य किसी जगह भेजे जाने का विवरण, स्कूलों के पास कितना रिजर्व व सरप्लस फंड है उसकी जानकारी, किन-किन मदों में खर्चा दिखाया गया है उनके नाम व राशि का ब्यौरा तथा अपने अध्यापक और कर्मचारियों को दी गई मासिक तनख्वाह का विवरण मांगा गया है। विरदी का कहना है कि स्कूल लाभ में होते भी हर साल फीस बढ़ा देते हैं और कई गैरकानूनी फंडों में फीस वसूलते हैं। फार्म 6 में कई बातों को छुपा लेते हैं। यह सब जानने के लिए ही आरटीआई लगाई गई है।


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