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फरीदाबाद 30 मार्च आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की अपनी मांगों की प्राप्ति के लिए लघु सचिवालय के सामने हड़ताल लगातार जारी है। हड़ताल को आज 113 दिन हो गए हैं। लेकिन हरियाणा की सरकार हड़ताली कर्मचारियों की मांगों को लागू करने के बजाय। वर्करों और हेल्परों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करके बंद सेंटरों को खुलवाने का दबाव बना रही है। आज की हड़ताली सभा की अध्यक्षता उपप्रधान गीता चौहान ने की। हड़ताली कर्मचारियों को सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संबोधित किया।अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि यह हड़ताल 8 दिसंबर से शुरू हुई थी। इस दरमियान सरकार
के साथ अनेकों दौर की वार्ताएं हुई। लेकिन बेनतीजा रही। सरकार हड़ताल को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर समझौता वार्ता को सिरे नहीं चढ़ा रही है। जबकि 17 मार्च को चंडीगढ़ में अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें 24 मार्च तक मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हो रहा है। सरकार की ताल मटोल की नीति से वर्करों और हेल्परों में भारी निराशा फैली हुई है। उन्होंने सरकार परआंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि तालमेल कमेटी के आह्वान पर 26 मार्च को कलायत महापंचायत भी हुई थी। जिसमें पूरे प्रदेश से हजारों की संख्या में आगनवाडी वर्कर व हेल्पर के अलावा बहुत बड़ी संख्या में मजदूरों कर्मचारियों किसानों ने भी भाग लिया था। महापंचायत में निर्णय लिया गया था कि यदि सरकार ने समय पर मांगों का समाधान नहीं किया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा यूनियन की मुख्य मांगों में प्रधानमंत्री के द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में की गई वृद्धि को लागू करना। सीएम के द्वारा कुशल और अकुशल की घोषणा को लागू करना महंगाई भत्ते की किस्त को मानदेय में जोड़ करके भुगतान करना, इसके साथ-साथ बर्खास्त आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर की सेवाएं बहाल करना आदि हैं।आज के प्रदर्शन को गीता, कुसूम, आदि ने भी संबोधित किया।
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