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जैव विविधता में संतुलन लाने में महत्वपूर्ण हैं गौरैया

Posted by : pramod goyal on : Sunday 20 March 2022 0 comments
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 विश्व गौरैया दिवस - जैव विविधता में संतुलन लाने में महत्वपूर्ण हैं गौरैया। एन आई टी तीन फरीदाबाद के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइडस ने विश्व गौरैया दिवस पर गौरैया अर्थात घरों में पाई जाने वाली चिड़िया को बचाने की प्रार्थना की। प्रधानाचार्य रविन्द्र कु


मार मनचंदा ने कहा कि पर्यावरण संतुलन में गौरैया महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गौरैया वो चिड़ियां है जो लारवा और कीट का सेवन करती है, जिससे प्रकृति में कीड़े-मकोड़ों का संतुलन बना रहता है। गौरैया खेतों की फसलों को हानि पहुंचाने वाले कीटों को खा लेती है और किसानों की फसल नष्ट होने से बचाती है। प्रधानाचार्य मनचंदा ने कहा कि गौरैया की संख्या में कमी के कारण अब फसल के कीड़ों को मारने के लिए किसान कीटनाशक दवाओं का उपयोग करते हैं जिससे हम सभी को मिलने वाले अन्न, फल, फूल, साग, सब्जियां सभी कीटनाशक दवाओं के मिश्रण से भिन्न भिन्न बीमारियों को निमंत्रण दे रही है। गौरैया ही नहीं प्रकृति के द्वारा बनाए गए चक्र में से किसी भी एक चक्र के नष्ट होने पर इसका संतुलन बिगड़ता है और उससे होने वाली हानि का प्रत्यक्ष प्रभाव हम सभी के जीवन पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस का थीम आई लव स्पैरो रखा गया है। हम सभी को प्रयास करना है कि गौरैया की चहचहाहट को पुनः लौटाएं तथा जैव विविधता में संतुलन में स्थापित करने के सार्थक प्रयास करें। गौरैया की निरंतर घट रही संख्या को लेकर प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि इस पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के लिए हम ही उत्तरदायी है क्योंकि गौरैया की घटती संख्या के पीछे जो कारण सामने आए हैं वो उनके रहवास की समस्या के साथ साथ मोबाइल रेडिएशन हैं रहवास ना होने से गौरैया करंट या तीव्र ध्वनि की चपेट में आने से विलुप्त हो रही है तो मोबाइल रेडिएशन के कारण से मादा गौरैया की प्रजनन क्षमता भी धीरे धीरे समाप्त हो रही है। इस अवसर पर बालिकाओं हर्षिता, सिया और निशा कुमारी ने विभिन्न प्रकार की गौरैया की आकृति बना कर गौरैया के संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास करने की आवश्यता पर बल दिया।

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