फरीदाबाद 27 मार्च केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर कल 28 मार्च को शुरू होने वाली दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की संयुक्त ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद ने तैयारियां पूरी कर ली हैं।इस हड़ताल को ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बताते हुए जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद के कन्वीनर वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए घटक सदस्यों में एटक के बेचू गिरी, आरएन सिंह,सीटू के निरंतर पाराशर, वीरेंद्र सिंह डंगवाल, एचएमएस के आर डी यादव,राजपाल डांगी, इंटक के हुक्म चंद बेनीवाल, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अशोक कुमार, बलबीर बलगुहेर बैंक इंप्लाइज फेडरेशन किरपा राम शर्मा,कॉमरेड भोले सिंह, प्रधान ईश्वर सिंह, आइक्टू कॉमरेड जवाहर लाल,हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने पूरी ताकत झोंक दी है। काउंसिल के सदस्यों ने प्रत्येक कारखाने और कार्यालयों में जाकर के गेट मीटिंग करके शहर में जलूस और रैलियां निकालकर आम जनता को सरकार की जनविरोधी नीतियों से अवगत करवाया है। बड़ी संख्या में पर्चे वितरित किए गए। दो दिन लगातार थ्री व्हीलर से हड़ताल के लिए मुनादी की गई है। डंगवाल ने बताया कि आज हम सभी भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। सत्ता में बैठी भाजपा सरकार जनता के हित में नीतियां बनाने के बजाय देसी विदेशी पूजी पतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है। नियमित
रोजगार के स्थान पर कच्चा रोजगार कम मजदूरी बढ़ती महंगाई के चलते आम जनता भारी संकट में है। इस सरकार ने मजदूरों के लिए पहले से बनाए गए श्रम कानूनों को बदलकर चार लेबर कोड्स बना दिए हैं। जो युवा पीढ़ी को कंपनियों एवं कारखानों के मालिकों का गुलाम बना कर रख देगा। 12- 12 घंटों की ड्यूटी इसके बदले में न्यूनतम वेतन नहीं देना और ईएसआई पीएफ लागू नहीं करना मजदूरों की रहने के लिए आवास की कोई व्यवस्था नहीं करना जैसी जिम्मेदारियों से सरकार पीछे हट रही है। सरकारी विभागों को एक-एक करके बड़े पूंजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। विभागों में कच्चे काम करने को बढ़ावा दिया जा रहा ताकि ठेकेदार वर्करों का शोषण करते रहे। केंद्रीय परियोजनाओं के नाम पर आंगनवाड़ी वर्करों आशा वर्करों और मिड डे मील वर्करों का शोषण जारी है। जहां वेतन और मजदूरी की भारी लूट है। समान काम के लिए समान वेतन की कोई परिपालना नहीं करता है। नियमित भर्ती नहीं की जा रही है। बेरोजगारी भयंकर रूप से बढ़ रही है। बीपीएल राशन कार्ड नहीं बन रहे हैं। सरकार राशन प्रणाली एवं डिपो को ही खत्म करना चाहती है। परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य कर के बहुमत परिवारों को सरकारी सुविधाओं से बेदखल किया जा रहा है। बड़ी संख्या में बुजुर्गों एवम् विकलांगों की पेंशन बंद कर दी गई है। भाजपा सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नाम पर बच्चों व देश की शिक्षा व्यवस्था को ही बर्बाद कर रही है। लोकतांत्रिक अधिकारों एवं हमारे संविधान और आपसी भाईचारे की एकता को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में हमें किसान आंदोलन से सबक लेते हुए संघर्षों उतरा ना होगा। हड़ताल के प्रमुख मुद्दे निम्न प्रकार हैं। मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड्स रद्द करो, न्यूनतम वेतन ₹24000 दो, सभी बेरोजगारों को काम दो, बैंक, बीमा, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, परिवहन, रेल, हवाई जहाज, सहित सभी सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर रोक लगाने, पुरानी पेंशन नीति बहाल करने, समान काम के लिए समान वेतन लागू हो, सेवा सुरक्षा प्रदान करो, आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील, क्रेच कर्मियों सहित सभी स्कीम वर्कर्स को पक्का करो,ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ग्रामीण चौकीदारों वन मजदूरों, सहित सभी ठेका कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए नई और नियमित भर्ती लागू करने, महंगाई पर रोक लगाने, पेट्रोल डीजल, रसोई गैस सिलेंडर,टोलटैक्स, की बढ़ाई गई राशि को वापस लेने बिजली संशोधन विधेयक 2021 को रद्द करने, हरियाणा में आंदोलनों के दमन के लिए बनाए गए आंदोलन क्षति पूर्ति कानून 2020 को निरस्त करने, राष्ट्रीय मोद्रीकरण पाइपलाइन एनएमपी एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करो, फरीदाबाद में लेबर कोर्ट के खाली स्थानों को जल्दी से जल्दी भरने आदि हैं। कन्वीनर ने बताया कि ज्वाइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल की 22 मार्च को एचएमएस कार्यालय में संपन्न हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार 28 मार्च को प्रातः 10:30 बजे सभी यूनियनों के मजदूर, कर्मचारी केनरा बैंक नीलम बाटा चौक के सामने एकत्रित होंगे। यहां से जुलूस निकाला जाएगा। 29 मार्च को प्रातः 10.30 बजे हुड्डा ओपन एयर थिएटर के बाहर एकत्रित होकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।
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