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फरीदाबाद, 17 फरवरी। फरीदाबाद व गुरुग्राम की 12 सब डिवीजनों का ऑप्रेशन व मैंटीनेंस का कार्य निजी हाथों में देने, सालों से कार्यरत 13 अनुबंध एलडीसी को नौकरी निकालने और कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान न करने के खिलाफ बृहस्पतिवार को सभी सब डिवीजनों को विरोध गेट मीटिंग आयोजित की गई। विरोध गेट मीटिंग में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में 24 फरवरी को चीफ इंजीनियर आफिस गुरुग्राम में आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा। आल हरियाणा पावर का
रपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद ने गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली निगमों में पूरा कार्य ही जोखिमपूर्ण है। उन्होने कहा कि निजीकरण नीति के लागू होने के बाद दुर्घटनाएं बढ़ जाएंगी। उन्होने कहा कि तकनीकी कर्मचारियों के साथ-2 दफ्तरों में कार्यरत बिजली कर्मचारियों को उपभोक्तओं व लाईनों की पूरी जानकारी होती है। उन्होने आरोप लगाया कि केन्द्र व राज्य सरकार कोरोना महामारी को अवसर के रूप में लेकर कर्मचारियों पर हमले तेज कर रही है। इसी अवसर का फायदा उठाकर सरकार सरकारी विभागों को अपने चहेते पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। महामारी की आड़ में आर्थिक कटौतियां की जा रही है। यूनियन नेताओं ने बताया कि बिजली निगमों में जोखिमपूर्ण कार्य के बावजूद कर्मचारियों को काम करने के लिए उचित टी एन्ड पी तक नहीं दी जा रही है। बडी लाइनों की क्रासिंग के कारण रोजाना दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं,जबकि इन्हें हटाने के लिए यूनियन बार-2 अधिकारियों को कह चुकी है। बिजली वितरण निगम में लाईनों पर काम करने के लिए गाडी तक नहीं है।कर्मचारी जब अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन करते हैं तो अधिकारी आन्दोलन को कमजोर करने का प्रयास करते हैं।
गेट मीटिंग में बिजली कर्मचारियों को यूनियन नेता मनोज जाखड़, विनोद शर्मा, डाल चंद शर्मा, कृष्ण कुमार, रमेश तेवतिया, भूप सिंह कौशिक,करतार सिंह जागलान, दिनेश शर्मा, गिरीश कुमार राजपूत, अशरफ़ खान, देवेंद्र त्यागी, संजय कुमार,आदि ने भी सम्बोधित किया।
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