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सामाजिक न्याय दिवस - महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक न्याय से सभी की उन्नति

Posted by : pramod goyal on : Sunday 20 February 2022 0 comments
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 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में विश्व सामाजिक न्याय दिवस का वर्चुअल आयोजन किया। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य निर्धनता, बेरोज़गारी तथा परित्याग की समस्या का निदान करना है। इस वर्ष विश्व सामाजिक न्याय की थीम अचीविंग सोशल जस्टिस थ्रू फॉर्मल एम्प्लॉयमेंट है। जिसका अर्थ है औपचारिक रोजगार के माध्यम से सामाजिक न्याय प्राप्त करना। विद्यालय की जूनियर रे


डक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए लैंगिक समानता, सामाजिक सुरक्षा तथा प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा की जानी आवश्यक है। सामाजिक न्याय तभी सुनिश्चित हो सकता है जब लोगों को लिंग, आयु, नस्ल, धर्म अथवा संस्कृति के कारण समस्याओं का सामना न करना पड़े। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 26 नवम्बर 2007 को बीस फरवरी को प्रतिवर्ष विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाया जाना प्रारंभ किया। सामान्य भाषा में सामाजिक न्याय का तात्पर्य समाज के सभी वर्गों का विकास तथा विकास के संसाधन उपलब्ध करना है। सामाजिक न्याय यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी वर्ग, नस्ल, जाति, लिंग, स्थान की वजह से विकास की दौड़ में पीछे न रह जाये। यह तभी सम्भव है कि समाज से बुराइयां हटायी जाये, तथा लोगों को समान शिक्षा का अवसर प्रदान किया जाये दिवस मनाया गया। भारत सरकार ने कई ऐसे आयोगों का गठन किया है जो कि सामाजिक न्याय के हितों के लिए कार्य करते हैं। भारत के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा कई योजनाओं की मदद से भी लोगों की सहायता की जाती है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से लकेर राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास आयोग जैसे सराकरी संगठन दिन रात हमारे समाज से भेदभाव, बेरोजगारी और बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, कॉर्डिनेटर डॉक्टर जसनीत कौर ने छात्रा तबिन्दा द्वारा बनाए गए पोस्टर के माध्यम से सामाजिक न्याय के महत्व से अवगत करवाने पर छात्रा का उत्साहवर्धन किया।

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