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आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों ने फरीदाबाद में मानव श्रृंखला बनाकर अपनी एकता का प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 2 February 2022 0 comments
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 फरीदाबाद - 


आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों ने  फरीदाबाद में आज  मानव श्रृंखला  बनाकर अपनी एकता का प्रदर्शन किया। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिला  फरीदाबाद की सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत सैकड़ों हेल्पर और वर्कर सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय परिसर में एकत्रित होने शुरू हो गई। यहां सुरिंदर री की अध्यक्षता में सभा हुई। इसका संचालन गीता ने किया।इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पराशर और जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे। गुस्साई आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। और यहां से दो दो की लाइन में बाटा पुल के नीचे एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मानव श्रृंखला बनाई।यहां पर प्रदर्शनकारियों को को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि आज हड़ताल 57 वे दिन में प्रवेश कर गई है। जबकि 8 दिसंबर से हड़ताल शुरू हुई थी। लेकिन सरकार ने आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की मांगों को लागू करने के बजाए दमनकारी नीति अपनाना शुरू कर दी हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी और सीडीपीओ वर्करों और हेल्परों   को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही हैं। उन पर बंद  आंगनवाड़ी केंद्रों को खोलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यदि कोई वर्कर हेल्पर दबाव नहीं मान रही है। तो उन्हें डराया और धमकाया जाता। वर्करों और हेल्परों को बिना वजह  परेशान किया जा रहा है। बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर को बर्खास्त करने की धमकी दी जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वयं कारण बताओ नोटिस जारी कर रही है।इनको आगनबाड़ी केंद्रों में जाकर के  चस्पा रहे हैं। ताकि वर्कर और हेल्पर काम करने के लिए प्रशासन की बात मान लें। लेकिन सभी वर्करों और हेल्परों ने संकल्प ले लिया है। कि जब तक उनकी मांगों को सरकार नहीं मान लिया जाता तब तक हड़ताल लगातार जारी रहेगी। अधिकारियों  और सरकार की मिलीभगत से चलाई जा रही दमनकारी नीतियों का यूनियन मुंहतोड़ जवाब देगा।   उन्होंने कहा कि सरकार को उत्पीड़न  का रास्ता छोड़कर आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर की मांगों को लागू करना चाहिए। दमन और उत्पीड़न से आंदोलन और तेज होगा। आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर की मुख्य मांगों में आईसीडीएस का निजीकरण बंद किया जाए।आंगनवाड़ी वर्करों को वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नत किया जाए। मुख्यमंत्री के साथ 29 दिसंबर को हुए  फैसले को ज्यों का त्यों लागू करना, वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 10 वर्ष के बाद कुशल और अकुशल का दर्जा आंगनवाड़ी वर्करों पर हेल्पर को देना, मानदेय में महंगाई भत्ता की किस्तों को जोड़कर के वेतन का भुगतान करना, देश के प्रधानमंत्री के द्वारा 11 सितंबर 2018 को आंगनवाड़ी वर्कर के लिए वेतन में 1500 रुपए की बढ़ोतरी और सहायिकाओं के वेतन में 750 रूपए के वेतन बढ़ोतरी को लागू करना, सेवानिवृत्त के बाद तीन लाख की राशि का भुगतान करना,पोषण ट्रैकर एप डाउनलोड करने के आदेश को निरस्त करना, ऑनलाइन काम के वर्क को ऑप्शनल रखना इत्यादि हैं। आज के प्रदर्शन को सीटू के नेता धीरेंद्र कुमार, गीता, राधा ने भी संबोधित किया।

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