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फरीदाबाद 12 फरवरी आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा की तालमेल कमेटी के आह्वान
पर सीएम सिटी करनाल में 14 फरवरी को होने वाली महारैली में फरीदाबाद से हजारों वर्कर भाग लेंगे।इसकी तैयारी पूरी कर ली है। यह निर्णय लघु सचिवालय सेक्टर 12 में हड़ताली कर्मचारियों के बीच में लिया गया। आज हड़ताल को 66 दिन हो गए हैं। लेकिन सरकार और विभाग के अधिकारी हड़ताली कर्मचारियों के पत्र निकाल कर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने से नहीं चूक रहे है।यह जानकारी देते हुए सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि बार बार चेतावनी देने के बाद भी सीडीपीओ और जिला कार्यक्रम अधिकारी वर्करों और सहायिकाओं को सीधे काम पर लौटने के लिए मोबाइल संदेश देने से नहीं रुक रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों की इस कार्यप्रणाली की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए कहा कि जब वर्कर व हेल्पर यूनियन के आह्वान पर हड़ताल पर हैं। तो उनको परेशान करने का औचित्य नहीं बनता है। आज के धरने की अध्यक्षता राज्य की प्रधान देबिंदेरी शर्मा ने की जबकि संचालन जिला सचिव मालवती ने किया। इस मौके पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर उपस्थित रहे।हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि राज्य सरकार आईसीडीएस का निजीकरण करना चाहती है। इसलिए नई शिक्षा नीति के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले वे स्कूलों में बदलकर प्राइवेट कंपनी को देने की कोशिश की जा रही।यूनियन सरकार की नीतियों का डटकर विरोध कर रही है।ताकि रोजगार बना रहे। राज्य सरकार प्रदेश की आंगनवाड़ी की वर्करों और हेल्पर की मांगों को लागू नहीं कर रही है। अभी तक सरकार ने 2018 में देश के प्रधानमंत्री के द्वारा वर्करों के वेतन में की गई पंद्रह सौ रुपए की बढ़ोतरी और हेल्परो के वेतन में750 रुपए की बढ़ोतरी को लागू नहीं किया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के 22 जिलों में पूर्ण रूप से हड़ताल है। सभी आंगनवाड़ी केंद्र बंद हैं। जब तक मांगों का समाधान नहीं हो जाता हड़ताल जारी रहेगी। यूनियन की मुख्य मांगों में मुख्यमंत्री के द्वारा वर्ष 2018 में की गई घोषणा के अनुसार कुशल अकुशल का दर्जा देते हुए महंगाई भत्ते की राशि को मानदेय में जोड़कर दिया जाए।आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर को रिटायरमेंट से पूर्व साधारण दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्चा दिया जाए। यदि मृत्यु होती है तो अन्य विभागों की तर्ज पर तीन लाख रुपए मुआवजा और मृतक के आश्रित को नौकरी प्रदान की जाए। यूनियन ने ऑनलाइन काम को बंद करके ऑफलाइन काम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिना फोन एवं संसाधन के इस बारे में उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं की जाए। यूनियन की अन्य मांगों में वर्करों को वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाइजर पदोन्नत करना और वर्कर के पदों पर हेल्परों को पदोन्नत करना आदि है। आज के प्रदर्शन को जिला की वरिष्ठ उप प्रधान सुरेंद्र री, जिला कोषाध्यक्ष सीमा, गीता, राधा शर्मा ने भी संबोधित किया।
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