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स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों ने अपनी सेवा सुरक्षा और छंटनी ग्रस्त कर्मियों की बहाली की मांग को लेकर बीके अस्पताल में प्रदर्शन किया

Posted by : pramod goyal on : Wednesday 19 January 2022 0 comments
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 फरीदाबाद,19 जनवरी। 


कोरोना योद्धा कहे जाने वाले फ्रंटलाइन वर्कर स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों ने अपनी सेवा सुरक्षा और विभिन्न जिलों से छंटनी ग्रस्त कर्मियों की बहाली की मांग को लेकर आज बीके अस्पताल में प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान सोनू सोया के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा गया। प्रदर्शन में ऐलान किया गया कि आंदोलन के अगले चरण में 20 जनवरी से 3 फरवरी तक सभी विधायकों व मंत्रियों को ज्ञापन दिए जाएंगे। इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई तो 6 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अंबाला आवास पर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में सर्व सम्मति से सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर निजीकरण हटाओ, देश बचाओ के नारे के साथ कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, पुरानी पेंशन बहाली, छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने आदि मांगों को लेकर 23-24 फरवरी की हड़ताल में भी बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया। प्रदर्शन में स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन हरियाणा की जिला सचिव किरण, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश कुमार,उप प्रधान नीरज ढोलिया, सतबीर कौशिश, सन्नी व रवि के अलावा सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला कमेटी के प्रधान अशोक कुमार, सचिव बलबीर सिंह बालगुहेर,खंड प्रधान करतार सिंह, विजय चावला आदि मौजूद थे।


जिला प्रधान सोनू सोया ने बताया कि विभाग ने कोरोना योद्धा कहे जाने वाले 589 से ज्यादा फ्रंटलाइन वर्कर स्वास्थ्य ठेका कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। गोल्ड फिल्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा फरीदाबाद ( जिसको सरकार ने टेक ओवर करके अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल कॉलेज के नाम से चलाया है) से 227 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला हुआ है। सबसे दबंग कहें जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री के लिखित आदेशों के बावजूद उन्हें वापस ड्यूटी पर नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई सालों से विभाग में तैनात सिक्योरिटी गार्ड को नौकरी से निकाल कर होमगार्ड को नौकरी पर रखने का निर्णय लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में ड्यूटी करने वाले इन कोरोना योद्धाओं के लिए ताली और थालियां बजाने का नाटक तो किया गया, लेकर ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधे विभाग के रोल पर लेने, समान काम समान वेतन देने व सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों को अनसूना किया जा रहा है। जिसको लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

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