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आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स की बेमियादी हड़ताल 38वे दिन भी जारी रही

Posted by : pramod goyal on : Friday 14 January 2022 0 comments
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 फरीदाबाद 14 जनवरी आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स की संयुक्त तालमेल कमेटी के बैनर तले  हो रही बेमियादी हड़ताल आज  38वे दिन भी जारी रही।आज शुक्रवार को मकर सक्रांति होने के बावजूद भी फरीदाबाद की  आगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर सैकड़ों की संख्या में सेक्टर 12 में उपायुक्त कार्यालय के सम्मुख विरोध प्रदर्शन में शामिल हुई । आज के प्रदर्शन का नेतृत्व वरिष्ठ उपप्रधान सुरेंद्र री ने किया। जबकि संचालन जिला सचिव मालवती कर रही थी। प्रदर्शनकारियों को सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने राज्य सरकार पर आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्परो की न्यायोचित मांगों को लागू करने में टालमटोल की नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर 8 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी हुई हैं। यूनियन ने 5 जनवरी को करनाल में रैली करने की घोषणा तो सरकार ने 4 जनवरी को यूनियन शिष्टमंडल को बातचीत के लिए बुलाया। कई घंटों की समझौता वार्ता के बाद भी मानदेय में बढ़ोतरी करने की मांग पर कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद यूनियन ने 12 जनवरी को जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया तो सरकार ने 10 जनवरी को फिर वार्ता के लिए बुलाया  लेकिन इस बार भी मुख्य मांगों पर कोई समझौता नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि जब तक महत्वपूर्ण मांगों को लागू नहीं किया जाता है। तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह अजीब विडंबना ही है। कि पिछले 7 वर्षों में इस सरकार ने आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परो के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं की इतना ही नहीं जब वर्ष 2018 में देश के


प्रधानमंत्री ने  वर्करों एवम् हेल्परो के मानदेय को बढ़ाने की घोषणा की थी।तब भी राज्य सरकार ने इसको लागू नहीं किया।डंगवाल ने बताया कि राज्य सरकार की इस नीति से वर्करों और हेल्परों में भारी नाराजगी व्याप्त है। कड़ाके की ठंड के बावजूद भी वर्करों और हेल्परों के हौसले बुलंद है। सरकार आंगनवाड़ी वर्करों पर पोषण ट्रैक्रर ऐप डाउनलोड करके ऑनलाइन काम करने का दबाव बना रही है। नई शिक्षा नीति के तहत  प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण करना चाहती है। महिला बाल विकास विभाग के कार्यों को एनजीओ या प्राइवेट संस्था को सौंपने की योजना बनाई जा रही है। विभाग के निजीकरण से भारी नुकसान होगा। यूनियन की मांग है। कि सभी वर्करों व हेल्परो को नियमित किया जाए। 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भत्ते का बकाया का भुगतान करने के अलावा प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2018 में की गई वर्कर्स और हेल्पर्स के वेतन में 15 सौ रुपए और 750 रुपए की बढ़ोतरी को लागू किया जाए।  यूनियन की अन्य मांगों  में आंगनबाड़ी वर्कर्स को 5 लाख और हेल्पर्स को तीन लाख रुपए का रिटायरमेंट का लाभ देने, रिटायरमेंट होने पर पेंशन लागू करने, आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50% की पदोन्नति को बिना किसी शर्त के लागू करने के अलावा आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा हुआ किराया ग्रामीण क्षेत्र दो हजार छोटे कस्बों और शहरों में तीन हजार बड़े शहरों में 5हजार को लागू करना किराया कम देने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाए जाने और आंगनवाड़ी वर्कर पर हेल्पर को विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए और डीए का भुगतान करने तथा 18 किलोमीटर की सीमा को खत्म करने के अलावा आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर को दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च देने और मृत्यु  होने पर तीन लाख का मुआवजा देने की मांग है।


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