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फरीदाबाद,8 दिसम्बर। बिजली कर्मचारियों ने बुधवार को बिजली संशोधन बिल 2021 को रद्द करवाने और पुरानी पेंशन बहाली व ठेका कर्मचारियों को पक्का करने आदि मांगों को लेकर सर्कल कार्यलय पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किया गया। बल्लभगढ़ युनिट प्रधान रमेश चं
द्र तेवतिया की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रदर्शन में बल्लभगढ़, एनआईटी, ओल्ड व ग्रेटर फरीदाबाद डिवीजन के सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन एसई नरेश कक्कड़ को सौंपा गया। नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के सदस्य व इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाईज फैडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बिजली संशोधन बिल 2021 को किसानों, गरीब उपभोक्ताओं, कर्मचारियों एवं इंजीनियर विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि इसी बजह से करीब एक दर्जन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और सबसे बड़े हितधारक बिजली कर्मचारियों एवं किसानों ने इसका विरोध किया है और इस बिल को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि 15 दिसंबर को संसद मार्च किया जाएगा और जिस दिन बिल सदन में बहस के लिए पेश किया जाएगा उसी दिन देशभर के बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर कार्यबहिष्कार कर धरने पर बैठ जाएंगे। प्रदर्शन में आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, पूर्व सर्कल सचिव व सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान अशोक कुमार,खंड प्रधान करतार सिंह, यूनिट कमेटी के प्रधान भूप सिंह, दिनेश शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, सुबोध कुमार नेता आदि मौजूद थे। प्रदर्शन में पुरानी पेंशन बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पक्का होने तक समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने, निजीकरण व ठेका प्रथा पर रोक लगाने आदि कई मांगों को भी प्रमुखता से उठाया गया। प्रदर्शन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ 12 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर होने वाले हल्ला बोल प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया।
आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यह बिल वर्तमान स्वरूप में बहुमत के बल पर संसद में पारित किया गया तो बिजली वितरण प्रणाली को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। इसके बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी होगी और बिजली किसान व गरीब की पहुंच से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण के लाइसेंस निजी कंपनियों को दिए जाएंगे और सरकारी बिजली वितरण निगमों का हाल बीएसएनएल की तरह हो जाएगा और बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों की छंटनी होगी। उन्होंने कहा कि नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना के तहत बिजली की लाइनों को भी निजी हाथों में सौपा जा रहा है। जिसका यूनियन डटकर विरोध करेंगी।
प्रदर्शन में सुबोध कुमार, रामकेश, परवेश, नीरज कुमार, मुकेश लांबा,कुलदीप कुमार, मोहम्मद रफी, तजेंदर सिंह, राहुल गौर, संदीप तनेजा, रामहंस, राजपाल, गौरव कुमार, छोटे लाल, बाबू आदि मौजूद थे।
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