फरीदाबाद16 दिसंबर आगनबाडी वर्करों एवं हेल्परों ने अपनी मांगों के लिए मंत्रियों एवं विधायकों के आवासों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।इसी कड़ी में आज प्रदेश के परिवहन मंत्री श्री मूल चंद शर्मा के सेक्टर 10 स्थित कार्यालय के सामने हजारों आगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों ने जमकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। प्रदर्शनकारी आगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो, रिटायरमेंट पर पेंशन का लाभ दो और न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपए लागूं करो के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व राज्य की प्रधान देवेंद्र री शर्मा ने किया।इस अवसर पर सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल, बैंक कर्मचारी यूनियन के पूर्व प्रधान ओम प्रकाश विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि आज हड़ताल को 9 दिन हो गए हैं। लेकिन सरकार बातचीत करने के लिए भी तैयार नहीं है। यूनियन ने अपनी लंबित मांगों के लिए 26 नवंबर को भी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन आयोजित किए थे। इसके बाद 6 दिसंबर को राज्य सरकार को हड़ताल का नोटिस दिया था। लेकिन सरकार इस हड़ताल को गंभीरता से नहीं ले रही है। उन्होंने चेतावनी दी है।यदि समय रहते आगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों की मांगों समस्याओं का समाधान नहीं निकाला गया तो आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा। यूनियन काल शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर के सेक्टर 28 स्थित कार्यालय पर भी इसी तरह का प्रदर्शन करेगी। इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को प्रातः ठीक 10:00 बजे बड़खल मोड़ पर बुलाया गया है। यहां से जुलूस लेकर मंत्री के आवास पर जाएंगे। डंगवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की मांगो को लेकर हुए समझौते को
लागू नहीं किया। खाद्य पदार्थों और जीवन रक्षक दवाइयों तथा रोजमर्रा के कामकाज आने वाली वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को महंगाई भत्ता नहीं दिया जाता है। पिछले साढे 7 वर्षों में इनके न्यूनतम वेतन को नहीं बढ़ाया गया। इतना ही नहीं आगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों पर अपने कार्य के अलावा विभिन्न विभागों के काम को करने की जिम्मेदारी भी डाली जाती है। लेकिन इन कार्यों को करने के एवज में किसी भी प्रकार की सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि वर्षों तक काम करने वाली आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों को सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाता है। केन्द्र और राज्य सरकार इन कर्मचारियों को बुढापे के सहारे के लिए पेंशन भी नहीं देना चाहती है।देवेंद्ररी री शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद जिले में कई आगनबाड़ी केंद्रों का किराए का पिछले 1 साल से भुगतान नहीं किया गया है। मकान मालिक आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर से किराया देने के लिए कहते हैं। जब इस मांग को सीडीपीओ और पी ओ के सामने रखा जाता है तो अधिकारी बजट नहीं होने का बहाना बनाकर आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया नहीं देती। इसकी वजह से आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्पर को अपमानित होना पड़ता है। विभाग के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी आंगनवाड़ी वर्करों पर ऑनलाइन काम के लिए लिए दबाव बनाते हैं। लेकिन वर्करों और हेल्परों की मांगो के लिए सरकार से बातचीत करने के लिए दबाव नहीं बनाते। उन्होंने कहा कि सरकार महिला एवं बाल विकास की योजना को एनजीओ के हवाले करना चाहती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने मांगों को लागू नहीं किया तो यह हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र और जन कल्याण की सेवाएं खत्म कर रही है। कुपोषण के मामले में देश के हालात खराब हैं। लेकिन सरकार आईसीडीएस को कमजोर कर रही है। वर्कर्स व हेल्पर्स की समस्याओं का समाधान नहीं कर रही है। यूनियन की मांग है कि सरकार आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स को पक्का करे, न्यूनतम वेतन वर्कर्स का 24हजार और हेल्पर्स का 16 हजार रूपए दो, डी ए की बकाया किस्त लागू करने व एरियर का भुगतान करने,इसके साथ साथ केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1500 व 750 रूपये की बढ़ोतरी, एरियर सहित इसको लागू करे, वर्दी भत्ता कम से कम दो हजार रूपये देने सेवानिवृति लाभ दिए जाएं। आज के प्रदर्शन को जिला सचिव मालवती, गीता, सुरेंद्री,सीमा बिधू पर्भा ने भी संबोधित किया।
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