फरीदाबाद आईसीडीएस के निजीकरण के विरोध एवम् अपनी लंबित मांगो को लेकर आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स की हड़ताल आज छठे दिन भी जारी रही। सरकार की टालमटोल और भेदभाव पूर्ण कार्यप्रणाली से नाराज हुई बैठी आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर्स ने सेक्टर 12 में जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए। हड़ताली कर्मचारी उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दो, वर्कर का वेतन चौबीस हजार रूपए और हेल्पर का न्यूनतम वेतन सोलह हजार रूपए लागू करो के नारे लगा रहे थे। यह जानकारी सीटू के जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने दी। हड़ताली कर्मचारियों का नेतृत्व जिला प्रधान देवेंद्र री शर्मा कर रही थी। जबकि मंच का संचालन जिला सुरेंद्र री जिला वरिष्ठ उप प्रधान ने किया।हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि सरकार आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल वेतन बढ़ोतरी, आगनबाड़ी केंद्रों का बकाया किराया देने, महंगाई भत्ता लागू करने, ई एस आई, पी एफ के खाते खोलने के अलावा आंगनवाड़ी वर्करों से ऑनलाइन काम के लिए दबाव नहीं
डाले जाने और बाल विकास की योजना को एनजीओ को देने के प्रयास पर रोक लगाने के लिए की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी है। कि यदि सरकार ने मांगों को लागू नहीं किया तो यह हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए हो जाएगी। जबकि पहले 8 दिसंबर से हड़ताल शुरू हुई। जो केवल 4 दिन के लिए की गई थी। लेकिन सरकार की तरफ से सुनवाई नहीं होने के कारण हड़ताल अट्ठारह दिसंबर तक बढ़ा दी गई है।इन मांगों को लागू करने के लिए पहले 26 नवंबर को प्रदेश की तमाम वर्कर्स और हेल्पर्स जिला उपायुक्त के कार्यालयों के पर जोरदार प्रदर्शन भी कर चुकी है।, उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र और जन कल्याण की सेवाएं खत्म कर रही है। कुपोषण के मामले में देश के हालात खराब हैं। लेकिन सरकार आईसीडीएस को कमजोर कर रही है। वर्कर्स व हेल्पर्स की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। यूनियन की मांग है कि सरकार आंगनवाड़ी वर्कर एंड हेल्पर्स को पक्का करे, न्यूनतम वेतन वर्कर्स का 24000 और हेल्पर्स का 16000 लागू करे, डी ए की बकाया किस्त लागू हों व एरियर मिले, केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1500 व 750 रूपये की बढ़ोतरी एरियर सहित लागू करे, वर्दी भत्ता कम से कम 2000 रूपये हो, सेवानिवृति लाभ वर्कर को 5 लाख व हैल्पर को 3 लाख मिले, दुर्घटना में मौत पर 3 लाख रुपए मुआवजा हो व दुर्घटना या आकस्मिक मृत्यु पर आश्रित को नौकरी पर रखा जाए, केंद्रो का तय किराया मिले, बिना मोबाइल व संसाधन दिए ऑनलाइन काम नहीं करवाया जाए। प्ले स्कूलों के नाम पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करना तुरंत बंद हो व आईसीडीएस का किसी भी रूप में निजीकरण नहीं किया। आज के प्रदर्शन को विद्यु प्रभा प्रधान एनआईटी, सीमा जिला कोषाध्यक्ष ने भी संबोधित किया।सभा के समापन पर देवेंद्र री शर्मा ने बताया कि कल 14 दिसंबर को सैकड़ों आंगनवाड़ी वर्कर और हेल्पर थाली और चम्मच लेकर प्रदर्शन करेंगे।
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