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श्रीमद्भागवतगीता जयंती - श्रीमद्भागवतगीता के श्लोकों में जीवन जीने का संदेश

Posted by : pramod goyal on : Monday 13 December 2021 0 comments
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 श्रीमद्भागवतगीता जयंती के अवसर पर जिला शिक्षा विभाग के आदेशानुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने श्रीमद्भागवतगीता पर आधारित श्लोक लेखन कार्यक्रम आयोजित किया। जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि श्रीमद्भागवतगीता जयंती मार्गशीर्ष में चंद्रमा के बढ़ते चरण शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन आती है। यह हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्-गीता के जन्म का प्रतीक है।


गीता जयंती महोत्सव बहुत महत्व और प्रतिष्ठा रखता है क्योंकि इसे भगवद-गीता का जन्मदिन माना जाता है जिसे हिंदू पौराणिक कथाओं का सबसे पवित्र और प्रभावशाली ग्रंथ माना जाता है। इसमें राजनीतिक, आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक, व्यावहारिक और दार्शनिक मूल्य सम्मिलित हैं। इस प्रकार यह माना जाता है कि इस पवित्र दिन पर, कुरुक्षेत्र के युद्ध में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपनी दार्शनिक शिक्षाएं प्रदान की। सभी जन इस दिन गीता जयंती मनाते हैं। श्रीमद्भागवतगीता जयंती का उत्सव देश भर में सभी क्षेत्रों में होता है हरियाणा के कुरुक्षेत्र में इस दीवार पर भव्य उत्सव देखा जा सकता है। संपूर्ण भारत के भक्त कुरुक्षेत्र में ब्रह्म सरोवर और सन्नहित सरोवर नामक पवित्र तालाबों में स्नान करने के अनुष्ठान में भाग लेने के लिए एकत्रित होते हैं। इस दिन को मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष एक मेले का आयोजन किया जाता है जो सात दिनों तक चलता है जिसे गीता जयंती समरोह के नाम से जाना जाता है। गीता पाठ, नृत्य प्रदर्शन, नाटक, श्लोक उच्चारण, गीता संवाद, कृत्य, भजन, आरती आदि के साथ विद्यालयों में प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। हजारों जन गीता जयंती त्योहार और उत्सव मनाते हैं। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्धक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवत गीता का ज्ञान दिया था। श्रीमद्भागवतगीता पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचार कि मेरे पास दुनियाँ को देने के लिए इससे अच्छी कोई गिफ्ट नही है और न दुनियाँ के पास इससे अच्छी कोई गिफ्ट लेने के लिए है भी बताते हैं कि गीता के शालोकों में ही जीवन का सार निहित है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा, कोर्डिनेटर प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर, गणित के वरिष्ठ प्राध्यापक राजेश पाराशर और वरिष्ठ प्राध्यापिका ललिता ने छात्राओं सिया, प्रीति, निशा, इशिता, नेहा, प्रियंका और रिया का सुंदर श्लोक लेखन के लिए स्वागत करते हुए इन के माध्यम से श्रीमद्भागवत गीता के उपदेशों से कर्म करने के लिए प्रेरित किया।

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